जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। Electricity Bill: कोरोना संक्रमण से पैदा हुई मंदी ने आम लोगों के सामने आर्थिक संकट पैदा कर दिया है। हालात ये है कि रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। सरकार से पिछले बकाया एरियर की वसूली स्थगित होने के बावजूद मौजूदा बिल तक जमा नहीं हो रहे हैं। बार-बार उपभोक्ताओं को बिल भरने के लिये मैसेज, फोन यहां तक कि स्टॉफ घर भेजा जा रहा है इसके बावजूद बिल नहीं जमा हो रहा है। पूरे माह में 54 करोड़ रुपये शहर से वसूलना था जबकि महज 34 करोड़ ही कंपनी के खजाने में जमा हुए हैं।
क्या है मसला
प्रदेश सरकार ने एक किलोवाट लोड वाले उपभोक्ताओं का पिछले बिल की बकाया वसूली फिलहाल रोक दी है। इसे बाद में वसूला जाएगा। सितंबर माह से सिर्फ उपभोक्ताओं को मौजूदा खपत का बिजली बिल भुगतान करना है। ऐसे में कंपनी को उम्मीद थी कि उपभोक्ता मौजूदा बिल अदा करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सब्सिडी का लाभ मिलने के बावजूद उपभोक्ता बिल देने में असमर्थ हैं। इधर कंपनी की ओर से अफसरों को लगातार बिल वसूली के लिए दवाब बनाया जा रहा है।
घर चलाना मुश्किल कैसे भरे बिल
कोरोना महामारी में एक किलोवाट लोड वाले ज्यादातर उपभोक्ता निम्न और मध्यम वर्ग के हैं। इसमें रोजमर्रा की आमदनी वालों की संख्या अधिक है। संक्रमण की वजह से आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उपभोक्ताओं को घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है ऐसे में बिजली का बिल कैसे भरें। कई बिजली अधिकारियों के पास उपभोक्ता आकर अपनी पीड़ा बयां कर चुके हैं। कुछ ऐसे उपभोक्ता भी हैं जिन्हें लगता है कि जिस तरह सरकार ने पिछला बिल बकाया वसूलना स्थगित किया है आगे भी इसी तरह की राहत मिलेगी इसलिए बिल नहीं जमा कर रहे हैं।
शहर में बिल वसूली के लिए 54 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 34 करोड़ के आसपास ही राशि जमा हुई है। महीना खत्म होने में एक दिन शेष है। उपभोक्ता नियमित रूप से बिजली का जमा करें ताकि निर्बाध बिजली मिल सके। - आई के त्रिपाठी, अधीक्षण यंत्री शहर
Posted By: Prashant Pandey
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