High Court Jabalpur : जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने कहा कि हमें प्रकरणों के लिए निराकरण के लिए प्रत्येक पक्षकार तक मध्यस्थता की पहुंच सुनिश्चित करनी होगी। मध्यस्थता पक्षकारों के मध्य प्रकरणों के निराकरण की एक प्रक्रिया है। यह वास्तव में पक्षकारों के मध्य विवादों के निराकरण के साथ-साथ बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों के निराकरण में भी लंबे समय तक प्रभावी रहने वाली प्रक्रिया है। वे छह मध्यस्थता केंद्रों के ई-लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे। ये मध्यस्थता केंद्र सागर जिले की रेहली व देवरी, देवास जिले की टोंकखुर्द, खंडवा जिले की हरसूद, भिंड जिले की मेहगांव व उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील विधिक सेवा समितियों में खोले गए हैं। इस दौरान मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्रारिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।

मुख्य न्यायाधीश मलिमठ ने कहा हम देखते हैं कि पक्षकारों के बीच मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण होने पर पक्षकारगण संतुष्ट होते हैं। हमें आशा व विश्वास है कि इन मध्यस्थता केंद्रों के ई-लोकार्पण के बाद अधिक से अधिक संख्या में मध्यस्थता के लिए प्रकरण रेफर किए जाकर बड़ी संख्या में उनका निराकरण संभव हो सकेगा। वहीं प्रशासनिक न्यायमूर्ति शील नागू ने कहा कि हमें आशा है कि इन मध्यस्थता केंद्रों का उपयोग न्याय की तलाश में खड़े अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने में किया जाएगा। अब तक संपूर्ण प्रदेश में 58 मध्यस्थता केंद्रों का लोकार्पण किया जा चुका है।

Posted By: Jitendra Richhariya

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