जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सिविल स्टेशन ब्लाक नंबर चार के विभिन्न प्लाटों के विधि-विरूद्ध क्रय-विक्रय और सरकारी अभिलेखों में चढ़ाए जाने के मामले में शुक्रवार को सभी पक्षों की अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा की न्यायालय में पेशी रही। न्यायालय ने 17 मार्च तक सभी अनावेदकों को लिखित जवाब सहित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा था। लिहाजा सभी अनावेदकों की ओर से न्यायालय के समक्ष जवाब तो प्रस्तुत किए गए, लेकिन दस्तावेज पूरे नहीं रहे। इसलिए न्यायालय से संबंधितों ने एक सप्ताह तक का वक्त ले लिया। मेथोडिस्ट चर्च के डिस्ट्रिक्ट सुपरिन्टेंडेंट फादर मनीष एस. गिडियन की ओर से उनके वकील और अंबिका चरण दीक्षित व अन्य न्यायालय के सामने उपस्थित हुए। सभी ने इस मामले में अपने-अपने जवाब प्रस्तुत किए, लेकिन कुछ अन्य कागजातों को जुटाने के लिए उन्होंने अतिरिक्त समय दिए जाने का निवेदन किया। फादर मनीष एस गिडियन की ओर से गए गए अधिवक्ता ने पहले तो एक माह का और फिर दो सप्ताह का समय मांगते रहे, लेकिन अपर कलेक्टर ने एक हफ्ते का समय दिया और 24 मार्च तक उनसे अन्य अनुलग्नक जमा कराने के लिए कहा।

इनको बनाया गया है अनावेदक:

अरबों की जमीन से जुड़े इस मामले में न्यायालय अपर कलेक्टर की ओर से डिस्ट्रिक्ट सुपरिन्टेंडेंट मेथोडिस्ट चर्च फादर मनीष एस गिडियन, नर्मदा रोड निवासी अंबिका चरण दीक्षित व सुधा दीक्षित, मोहित हाइट नेपियर टाउन निवासी अनिल कुमार दुबे, बैहर रोड बालाघाट निवासी उमारानी मिश्रा, रानी अवंती बाई वार्ड मंडला निवासी डा. सूजन अब्राहम करम को अनावेदक बनाया गया है।

कुछ इस तरह से रहा है मामला:

सिविल स्टेशन ब्लाक नंबर चार के प्लाट नंबर चार की लीज का नवीनीकरण दो जनवरी 1970 में कराया गया था, जो कि 31 मार्च 1999 तक के लिए रहा। मुख्य मार्ग पर स्थित इस प्लाट के 5880 वर्ग फीट में दुकानें बनीं हैं। इसके अलावा दो लाख 59 हजार 235 वर्ग फीट क्षेत्र में क्रिश्चियन स्कूल संचालित है। इसी तरह से ब्लाक नंबर चार के प्लाट नंबर पांच की 42 हजार 976 वर्ग फीट भूमि का लीज-नवीनीकरण चार मार्च 2005 को किया गया था। इस प्लाट के 26 हजार 400 वर्ग फीट अंशभाग पर राजस्व रिकार्ड में अंबिका चरण दीक्षित और सुधा दीक्षित का नाम दर्ज है। इस प्लाट का 2400 वर्ग फीट का एक अन्य अंशभाग भी अंबिका चरण दीक्षित का नाम दर्ज है। लीज की शर्ताें के अनुसार लीज का हस्तांतरण नहीं किया जाना था। बावजूद इसके मेथेडिस्ट चर्च की प्रबंधन समिति ने इस जमीन को अनेक अन्य लोगों को बेचकर उनके नाम पर चढ़वा दी।

Posted By: Jitendra Richhariya

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