जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कोरोना की पहली लहर में 40 दिन में (20 मार्च से 30 अप्रैल 2020) 87 मरीज मिले थे, जबकि जून माह के सिर्फ 24 दिनों में मरीजों का आंकड़ा 93 पहुंच गया है। मरीजों की इस संख्या से अनुमान लगाया जा सकता है कि जिले में कोरोना का खतरा बढ़ने लगा है। बढ़ते खतरे के बावजूद कोरोना की जांच के लिए सैंपलिंग नहीं बढ़ाई जा रही है। राेजाना औसत 250-300 सैंपल ही लिए जा रहे हैं। प्रदेश में 20 मार्च 2020 को कोरोना के पहले चार मरीज जबलपुर में मिले थे। इस दौरान 30 अप्रैल के बीच कोरोना से सिर्फ एक मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई थी, जबकि जून के 24 दिन में कोरोना से दो मरीज जान गंवा चुके हैं। इधर, सरकारी आंकड़ों में कोरोना से अब तक जिले में 799 लोग जान गवां चुके हैं।
नागरिक बरत रहे लापरवाही-
कोरोना की तीन लहर का दर्द झेलने के बावजूद नागरिको की लापरवाही कम नहीं हो रही है। लोगों ने चेहरे से मास्क उतार फेंका है तथा शारीरिक दूरियां मिट गई हैं। सार्वजनिक स्थल, व्यवसायिक क्षेत्र व आयोजनों में लापरवाही सामने आ रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. रत्नेश कुरारिया का कहना है कि कोरोना से बचाव का सबसे आसान उपाय मास्क व शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ टीकाकरण है। उन्होंने कहा कि पात्र हितग्राही जिन्होंने कोरोना टीके के दो डोज लगवा चुके हैं, नियत समय पर अनिवार्य रूप से तीसरी डोज लगवा लें।
अस्पतालों में नहीं हो रहा पालन-
मौसमी बीमारियों का खतरा इन दिनों बढ़ गया है। अस्पतालों, औषधालयों व पैथालाजी केंद्रों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। जहां शारीरिक दूरी व मास्क के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। हालांकि स्वयं के बचाव के लिए चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी सावधानी बरतने लगे हैं। चिकित्सक के कक्ष में एक मरीज को प्रवेश की अनुमति रहती है, परंतु कक्ष के बाहर भीड़ में लोग एक दूसरे पर टूट पड़ते नजर आते हैं।
24 घंटे में मिले छह मरीज-
प्रशासन द्वारा शुक्रवार को जारी 269 सैंपल की रिपोर्ट में कोरोना के छह मरीज मिले। राहत की बात यह रही कि इस दौरान कोरोना से स्वस्थ होने पर छह लोेगों को आइसोलेशन से छुट्टी दी गई। जिसके चलते सक्रिय मरीजों की संख्या 38 रही। सीएमएचओ डा. कुरारिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। नागरिकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
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