Jabalpur News : जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में आकार ले रहे मदन महल-दमोहनाका फ्लाई ओवर निर्माण कार्य के चलते आए दिन लगने वाले जाम से अमृत योजना के अंतर्गत स्वीकृत बसों की सौगात भी शहर को नहीं मिल पा रही है। अमृत योजना के तहत 200 बसों की स्वीकृति मिली थी जिसमें से अभी तक 55 बसें ही मिल पाई हैं। शेष 145 बसें निर्माण कार्यों के चलते अटक गई है। शहर में जगह-जगह हो रहे निर्माण कार्यों के चलते आए दिन जाम लग रहा है। सड़कों की हालत भी खराब है। इसलिए नगर निगम भी शेष बसों को लाने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। वहीं शहर में इलेक्ट्रिक बस सेवा भी शुरू नहीं हो पा रही है। जबकि इंदौर और भोपाल के बीच इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू कर दी गई है। जबकि शहर की बढ़ती आबादी और पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों को देखते हुए स्कूल, कालेज, दफ्तर आने-जाने वाले ज्यादातर लोग व अन्य नागरिक इधर-उधर आने-जाने के लिए मेट्रो बसों का किफायती सफर करना पंसद करने लगे हैं। इस लिहाजा से जबलपुर में 200 मेट्रो बसें का संचालन जरूरी हो गया है।
वर्तमान में चल रही 85 मेट्रो बसें, उसमें भी 30 पुरानी-
शहर की सड़कों में वर्तमान में लगभग 85 मेट्रो बसें ही दौड़ रही है। उसमें भी 30 पुरानी लाल मेट्रो और 55 अमृत योजना से मिली नई चलो मेट्रो शामिल है। जो नाकाफी है। शहर के हर रूट पर बसों का संचालन हो रहा है जिससे इनमें भीड़ भी बढ़ रही है। शहर की सार्वजनिक परिवहन सेवा को बेहतर बनाने और बसें चलाए जाने की जरूरत महसूस हो रही है। क्योंकि आटो वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं।
अमृत योजना से जबलपुर को 200 मेट्रो बसें मिली है। 55 बसें आ चुकी हैं शेष भी जल्द आएंगी। वर्तमान में नई-पुरानी मिलाकर 85 बसों का संचालन किया जा रहा है। वैसे भी शहर में निर्माण कार्यों के चलते बसों का संचालन मुश्किल हो रहा है।
सचिन विश्वकर्मा, सीईओ, जेसीटीएसएल
Posted By: Jitendra Richhariya
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