Janta Ke Rakhwale : रामकृष्ण परमहंस पांडेय, नई दुनिया। घटना भिटौनी रेलवे स्टेशन से जुड़ी है। जहां बीपीसीएल की साइडिंग से कई टन वजनी रेलवे पटरियों की चोरी हो गई थी। मामला प्रकाश में आया तो जबलपुर से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा। जांच के घोड़े दौड़ाने लगे और एक इंजीनियर का स्याह चेहरा उजागर हो गया। रेलवे को चूना लगाने की इस साजिश में वही मास्टरमाइंड की भूमिका में था। आनन-फानन में उसे निलंबित कर दिया गया। परंतु यह क्या, महज एक पखवाड़े में मास्टरमाइंड को पुन: जबलपुर में ही नए पद पर पदस्थ कर दिया गया। अब तो उन कर्मचारियों की खैर नहीं जिन्होंने पटरियों की चोरी का भांडाफोड़ किया था। उनके स्थानांतरण की गुपचुप कार्रवाई शुरू कर दी गई। मास्टरमाइंड इंजीनियर कर्मचारियों को बयान बदलने के लिए भी धमकाने लगा है। चर्चा तो यह भी है कि ऊपर के अधिकारियों के आगे हड्डी का टुकड़ा फेंक दिया है। किसी ने सच कहा है कि चोर-चोर मौसेरे भाई।

मझोले का शागिर्द माफिया का हमदर्द

मझोले साहब का शागिर्द यानि चेला (एक स्टार) शराब माफिया का पुराना हमदर्द है। विभाग के ही कुछ लोग उसे शराब माफिया का मुखबिर कहते हैं। पुलिस विभाग में कई मझोले साहब हैं। उनमें से एक मझोले साहब को क्राइम ब्रांच की जिम्मेदारी दी गई है और चेला भी यहीं पदस्थ है। चेला को समझ में आ गया है कि थानों की नौकरी में कुछ नहीं रखा। आखिर एक थाना क्षेत्र में अवसर भी सीमित हैं। परंतु क्राइम ब्रांच में पूरा जिला अपना, जिलेभर के माफिया अपने और अवसर असीमित। परंतु अवसर भुनाने के लिए मनमाफिक टीम चाहिए। चेला इन दिनों अपनी पसंद के जवानों की क्राइम ब्रांच में पोस्टिंग कराने की कवायद में जुटा है। कोरम पूरा होने के बाद आगे की कार्ययोजना भी तैयार कर चुका है। चेला शहर के जिन थानों में रह चुका है वहां उसकी ख्याति किसी से छिपी नहीं है। देखना यह है कि चेला की वजह से क्राइम ब्रांच कब सुर्खियों में आता है।

50 से 70 दिन अवकाश, 13 माह का वेतन

एक सीएसपी साहब ने अपने प्रभार वाले थानों में पुलिस जवानों के अवकाश संबंधी जानकारी निकाली तो हड़कंप मच गया। पता चला कि वरिष्ठ अधिकारियों व थाना प्रभारियों की जानकारी के बगैर 15-15 दिन के स्पेशल अवकाश स्वीकृत किए जा रहे हैं। हैरानी की बात यह कि इन अवकाशों का कोई लेखाजोखा नहीं। गैरहाजिरी की भी तनख्वाह लेकर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। थानों से लेकर एसपी आफिस तक का अमला इस गोरखधंधे में शामिल मिला। अवकाश की गणना भी ऐसी की एक दिन के अवकाश में दो दिन की छुट्टी। अवकाश प्रकरण का निराकरण हुए बगैर जवानों को ड्यूटी की अनुमति दी जा रही है। अब सवाल यह है कि कौन कहता है कि पुलिस जवानों को आराम नहीं मिलता। हर साल 50-70 दिन का अवकाश और 13 माह का वेतन यही जवान ले रहे हैं। वहीं ऐसे भी जवान हैं जो दिन-रात काम कर रहे हैं।

500 रुपये रोजाना में बेच दिया फुटपाथ

भाई हमारी दुकान चले न चले, हर माह 10 हजार रुपये शुद्ध मुनाफा हो रहा है। व्यापारी की यह बात सुनकर उसका बेरोजगार दोस्त हैरत में पड़ गया। उससे रहा नहीं गया तो पूछ बैठा कि क्या कोई नया कारोबार शुरू कर दिया है या जुआ सट्टा खिलवाने लगे हो। व्यापारी बोला अरे भाई ऐसा नहीं, यह कमाई फुटपाथ बेचकर हो रही है। मैंने पांच हजार रुपये प्रतिमाह किराए पर छोटी सी दुकान ली। उसके बाद दुकान के सामने का फुटपाथ किराए पर दे दिया। फुटपाथी व्यापारी रोजाना 500 रुपये देता है। हर माह 15 हजार की कमाई। जिसमें से पांच हजार दुकान का किराया और 10 हजार मुनाफा हो जाता है। बेरोजगार साथी ने बोला कि भाई मुझे भी ऐसी आठ-10 दुकानें किराए पर दिलवा दो। व्यापारी बोला कि मुझे पागल कुत्ते ने काटा है क्या। सही लोकेशन पर दुकान मिले तो मैं ही किराए पर लेकर फुटपाथ बेच दूं।

Posted By: Dheeraj Bajpaih

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