जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेल प्रशासन द्वारा रेलवे के कर्मचारियों के विरुद्ध लिए जा रहे निर्णय और उनकी मांगों को नजरअंदाज करने को लेकर रेल यूनियन ने प्रदर्शन किया। डीआरएम कार्यालय में गेट मीटिंग के दौरान एम्पलाइज यूनियन ने रेल अधिकारियों पर कर्मचारी विरोधी नीतियों को महत्व देने का आरोप लगाया। इस दाैरान मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने रेलवे बोर्ड की प्रशासनिक तानाशाही के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि मान्यता प्राप्त यूनियनाें से कोई बातचीत किए बिना असिस्टेंट लोको पायलट यानि सहायक इंजन ड्राइवर के कैडर के विरुद्ध उनसे गार्ड का काम कराया जा रहा है, जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस दौरान मंडल सचिव रोमेश मिश्रा ने कहा कि इसका यूनियन विरोध करती है और अब इसको लेकर आर-पार की लड़ाई की जाएगी। 50 फीसदी नान सेफ्टी पदाें को सरेंडर किए जाने के तुगलकी फरमान का विरोध करते हुए कहा कि इसके लिए यूनियन हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी। इन पदों को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने मांग की कि मंडल के कैडर के कर्मचारियाें के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा तय किए गए 20 और 80 अनुपात पर पदोन्नति के प्रस्ताव को जल्द से जल्द लेखा विभाग द्वारा शीघ्र किया जाये।
50 फीसदी नान सेफ्टी पद खत्म किए
इस दौरान सचिव ने बताया कि जबलपुर रेलवे स्टेशन और मंडल के अन्य स्टेशनाें पर ऑन ड्यूटी कर्मचारियाें के वाहनाें की नि:शुल्क पार्किग व्यवस्था नहीं की गई। रेलवे अपने कर्मचारियों से भी पार्किंग शुल्क वसूल रहा है। रेलवे प्रशासन द्वारा कर्मचारियाें से 150 रुपये प्रति माह के साथ जीएसटी की राशि स्टैंड ठेकेदार द्वारा वसूले जाने का कमर्शियल विभाग ने तुगलकी फरमान निकाला है। इसे भी वापस लिया जाएगा। हाल ही में रेलवे बोर्ड द्वारा 50 फीसदी नॉन सेफटी पदाें को समाप्त करने के आदेशाें को निरस्त किया जाए। एम्पलाइज यूनियन की गेट मीटिंग में मनीष यादव ने कहा कि समय रहते यदि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर संतोष यादव, कृष्णराज, रामभजन गुप्ता, मनीष शर्मा ने भी अपनी बात रखी। इस दौरान 300 से अधिक रेल कर्मचारी अपनी मांगों के पूरा कराने के लिए मौजूद रहे।
Posted By: Mukesh Vishwakarma
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