जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। पवित्र क्षेत्र घाेषित ग्वारीघाट अब ‘गौरीघाट’ के नाम से जाना जाएगा। नगर निगम सदन की बैठक में नाम परिवर्तन करने के प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने के बाद नगर निगम ने अब प्रोसेडिंग की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। मसलन सदन में पारित प्रस्ताव का विस्तृत कार्यविवरण तैयार बनाया जाएगा। इस कार्य विवरण को अमल में लाने निगमायुक्त द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे और इसके बाद ग्वारीघाट सहित समूचे क्षेत्र में का नाम बदल कर गौरीघाट करने की कागजी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक ग्वारीघाट क्षेत्र में जहां-जहां ग्वारीघाट के बोर्ड लगे है वहां गौरीघाट लिखा हुए बोर्ड लगाए जांएगे। इसके अलावा नगर निगम के रिकार्ड में भी सुधार कर ग्वारीघाट की जगह गौरीघाट किया जाएगा और अब जो भी सरकारी दस्तावेज होंगे उसमें गौरीघाट ही लिखा जाएगा।

रेलवे सहित विभागों को पत्र भी भेजेगा निगमः

बताया जाता है कि ग्वारीघाट क्षेत्र में रेलवे की भी जमीन है। ग्वारीघाट के नाम से रेलवे स्टेशन भी है। लिहाजा नाम परिवर्तन करने नगर निगम रेलवे से भी पत्राचार करेगा। इसके अलावा विभागों से भी पत्राचार कर ग्वारीघाट को गौरीघाट किए जाने की जानकारी से भी अवगत कराएगा। नगर निगम के राजस्व अधिकारियों के मुताबिक नगर निगम की सदन को स्थानों के नाम परिवर्तन के अधिकार है लिहाजा इसके लिए शासन से अनुमति तो नहीं ली जाएगी अलबत्ता पत्राचार कर इस निर्णय की जानकारी अवश्य प्रेषित की जाएगी। ताकि शासकीय रिकार्ड व प्रक्रिया में ग्वारीघाट की जगह गौरीघाट लिखा जा सके।

अरसे बाद लौटा पुराना नामः

विदित हो कि शहर के संत समाज ने महापौर से मिलकर ग्वारीघाट का नाम परिवर्तित कर माता पार्वती के नाम गौरीघाट किए जाने का आग्रह किया था। करीब सात माह पूर्व 14 सितंबर 2022 को महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू की अध्यक्षता में आयोजित एमआइसी सदस्यों की बैठक ग्वारीघाट का नाम गौरीघाट करने पर चर्चा कर प्रस्ताव पारित किया गया था। सात माह बाद 17 मार्च 2023 को प्रस्ताव नगर निगम की सदन में लाया गया और विपक्ष की स्वीकृति से प्रस्ताव पारित हो गया। अरसे बाद ग्वारीघाट का पुराना नामकरण होने से संत समाज भी खुश है।

इन्होंने यह कहा..

नगर निगम सदन को नाम परिवर्तित करने के अधिकार है इसलिए शासन से अनुमति लेने की आवश्यता नही है। ग्वारीघाट का नाम गौरीघाट करने की प्रोसेडिंग होते ही रिकार्ड में नाम परिवर्तित करने, बोर्ड लगाने व कागजी प्रक्रिया में गौरीघाट लिखा जाएगा। रेलव सहित अन्य विभागों से पत्राचार किया जाएगा।

-महेश कुमार सोनी, अपर आयुक्त नगर निगम

सदन की स्वीकृति से ग्वारीघाट का नाम गौरीघाट कर दिया गया है। नगर निगम के सभी रिकार्ड में गौरीघाट ही लिखा जाएगा। जो रिकार्ड है उनमें भी नाम परिवर्तित किया जाएगा। विभागों से पत्राचार अवगत कराया जाएगा।

-जगत बहादुर सिंह अन्नू, महापौर

Posted By: Jitendra Richhariya

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