High Court Jabalpur : जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।हाई कोर्ट ने सागर के मकरोनिया में हुए बहुचर्चित जग्गू हत्याकांड में पुलिस को निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। मामला राजनीतिक दबाव में कार्रवाई किए जाने के आरो से संबंधित था।
न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता मकरोनिया, सागर निवासी धर्मेंद्र गुप्ता व जितेंद्र गुप्ता की ओर से अधिवक्ता प्रमोद सिंह तोमर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं को हत्याकांड में आरोपित बनाया गया है। थाना प्रभारी, मकरोनिया द्वारा फरियादी पक्ष के दबाव के अलावा स्थानीय राजनीतिक दबाव में आकर याचिकाकर्ताओं के पूरे परिसर को हत्याकांड में आरोपित बनाया दिया गया है। दरअसल, हत्याकांड के बाद फरियादी साेनू यादव का एक वीडियों वायरल हुआ था, जिसमें वह माैजूदा विधायक प्रदीप लारिया के साथ खड़ा था। वह बोल रहा था कि जब तक जग्गू हत्याकांड में मकरोनिया थाने में समुचित रिपोर्ट नहीं लिखी गई, मैं और विधायक निरंतर थाना प्रभारी के संपर्क में रहे। वीडियों में विधायक इस बयान का समर्थन करने की मुद्रा में नजर आए।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी दलील दी गई कि हत्याकांड स्थल से थाने की दूरी महज एक किलोमीटर थी। चार कदम की दूरी पर यातायात पुलिस चौकी थी। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली भी सवालिया घेरे में है। इसी तरह सेवानिवृत्त डीएससपी लोकायुक्त, जो इन दिनों राजनीति में सक्रिय हैं, उनका भी इस हत्याकांड के सिलसिले में थाना प्रभारी से संपर्क में बने रहता कई सवाल खड़े कर रहा है। इससे साफ है कि राजनीतिक स्तर पर दबाव बनाकर याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ उनके पूरे परिवार को फंसाने का खेल खेला गया है। याचिकाकर्ता जितेंद्र गुप्ता जन्म से दिव्यांग है। वह ठीक से चल तक नहीं पाता। हत्याकांड का जो समय बताया गया, उस समय वह मौके पर नहीं बल्कि अपने घर पर मौजूद था। सीसीटीवी कैमरों से यह भी तस्दीक की जा सकती है कि दूसरा याचिकाकर्ता धर्मेंद्र गुप्ता भी हत्याकांड वाली जगह पर नहीं था। एक मामले के सिलसिले में याचिकाकर्ता के बड़े भाई वकीलचंद्र गुप्ता ने थाने गए थे। जहां उनके साथ धर्मेंद्र भी था। थाना प्रभारी को फोन करके बुलाया गया। लिहाजा, घटना के समय थाने का सीसीटीवी फुटेज चैक किया जाए तो साफ हो जाएगा कि हत्याकांड के दौरान आरोपित धर्मेंद्र उनके साथ थाने के भीतर बैठा था। आरटीआई के अंतर्गत आवेदन के बावजूद सीसीटीवी फुटेज मुहैया नहीं कराई गई है।
Posted By: Jitendra Richhariya
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