High Court Jabalpur : जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट ने मप्र वक्फ बोर्ड, भोपाल में सरकार द्वारा तीन सदस्यों के नामांकन को चुनौती देने याचिका का निराकरण कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने दो सदस्यों का नामांकन विधिसम्मत पाकर सही ठहराया, जबकि एक सदस्य का नामांकन विधिसम्मत न पाते हुये निरस्त कर दिया।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 29 जुलाई, 2022 को अधिसूचना जारी कर मप्र वक्फ बोर्ड में उज्जैन के सनवर पटैल, भोपाल के महबूब हुसैन और इंदौर के डा. इना-उर-रहमान को सदस्य नामांकित किया था। भोपाल के अलीम कुरैशी, शेख रफीक मंसूरी व असलम मोहम्मद खान ने सनवर पटैल के नामांकन को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि सनवर को सामाजिक, वित्तीय, व्यवसाय प्रबंधन व कृषि गतिविधि का अनुभव नहीं है।
आरोप के जवाब में सनवर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अग्रवाल व अनुज अग्रवाल ने सभी शैक्षणिक व प्रोफेशनल दस्तावेज प्रस्तुत किये, जिन्हें हाई कोर्ट ने सही माना। जानकारी दी गई डा. रहमान विधि विभाग में प्रोफेसर हैं, जबकि नियम के अनुसार ज्वाइंट सेक्रेटरी से कम रैंक वाले को सदस्य नहीं बनाया जा सकता। हाई कोर्ट ने कहा कि प्रोफेसर का औदा ज्वाइंट सेक्रेटरी से ऊपर होता है, इसलिये उनका नामांकन सही है। वहीं महबूब हुसैन को शिया व सुन्नी का स्कालर नहीं मानते हुए उनका नामांकन निरस्त कर दिया।
सही मतदाता सूची बनाएं :
वक्फ बोर्ड से जुड़ी कुछ याचिकाओं में वोटर लिस्ट को चुनौती दी गई थी। आरोप लगाया गया था कि कई ऐसे मतदाता हैं जो वोट डालने के अधिकारी नहीं हैं। इस मामले में हाई कोर्ट ने बोर्ड को निर्देश दिये कि पहले सही वोटर लिस्ट तैयार करें और उसके बाद नियमानुसार चुनाव कराएं। इस मामले में राज्य का पक्ष उप महाधिवक्ता अमित सेठ ने व वक्फ बोर्ड का पक्ष अधिवक्ता निखिल तिवारी ने रखा।
Posted By: Dheeraj Bajpaih