
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने राज्य की खस्ताहाल सड़कों और उनके कारण बढ़ते हादसों के मामले में जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में केंद्र और राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं। जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है।
एमपी में सड़क की स्थिति काफी खराब
जनहित याचिकाकर्ता इंदौर निवासी राजेंद्र सिंह की ओर से दलील दी गई कि मध्य प्रदेश की कई सड़कों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। गड्ढों भरी सड़कों के कारण लगातार गंभीर हादसे हो रहे हैं, जिससे लोगों की जानें जा रही हैं आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों के मामलों में मध्य प्रदेश पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।
याचिका में यह मांग की गई है कि सड़कों के निर्माण और रखरखाव में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
नोटिश जारी
प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
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