MP High Court: जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। हाई कोर्ट ने अधीनस्थ अदालत के जज से अभद्रता के आरोपित अधिवक्ता का दोष सिद्ध पाया। इसी के साथ आपराधिक अवमानना के लिए 15 दिन के कारावास की सजा सुना दी। साथ ही दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने पाया कि छिंदवाड़ा निवासी आरोपित अधिवक्ता सुदामा बघेल ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रदीप कुमार सोनी से अभद्रता की थी। आरोपित शराब पीये हुए था और अदालत परिसर में हंगामा कर रहा था। वह जज की तरफ हमला करने की मुद्रा में दौड़ा था।

2020 की है घटनाः

यह घटना 18 जनवरी, 2020 की थी। आरोपित नशे में धुत्त होकर गाली-गलौच कर रहा था। साथ ही सीटी बजाकर कोर्ट का माहौल खराब कर रहा था। अवकाश दिवस होने के कारण रिमांड ड्यूटी में उपस्थित होने के लिए जेएमएफसी प्रदीप कुमार सोनी परिसर से होते हुए न्यायालय जा रहे थे। इस दौरान शराबी अधिवक्ता ने असभ्यतापूर्ण तरीके से चिल्लाकर उन्हें रोका। आरोप है कि मना करने पर शराबी अधिवक्ता हमला करने उनकी तरफ दौड़ा। उनका रास्ता रोककर धमकी दी कि मैं आपके विरुद्ध हाई कोर्ट के लिए लिफाफा तैयार कर रहा हूं। इतना ही नहीं कोर्ट रूम पहुंचे जेएमएफसी ने प्रकरण की सुनवाई प्रारंभ की तो शराबी अधिवक्ता ने कक्ष से पीछे पहुंचकर चिल्लाते हुए धमकी देने का क्रम जारी रखा और सीटी बजाता रहा। जिसके कारण न्यायायिक कामकाज बाधित रहा। शराबी अधिवक्ता के इस कृत्य से अन्य न्यायालयों का भी कामकाज प्रभावित रहा। जिला व सत्र न्यायधीश के निर्देश पर शराबी अधिवक्ता के विरुद्ध पुलिस कार्यवाही की गयी।

इसके पूर्व में भी की थी ऐसी हरकतः

इस घटना के पूर्व भी अधिवक्ता ने 22 नवम्बर, 2019 को शराब के नशे में न्यायालय परिसर में गाली-गलौच कर हंगामा किया था। न्यायालय के आवेदन पर पुलिस ने उसके विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था। हाई कोर्ट ने घटना को संज्ञान में लेते हुए प्रारंभिक तौर पर अपराधिक अवमानना को दोषी पाया था।

Posted By: Rahul Raikwar

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