जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जमुनिया में 13 मार्च को हुए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के दौरान एक जोड़े द्वारा योजना का अनुचित लाभ उठाए जाने की जांच शुरू हो गई। इस मामले में जनपद पंचायत जबलपुर ने सामाजिक न्याया विभाग को संबंधित जोड़े का नाम पात्र आवेदकों की सूची से हटाने के लिए पत्र भी लिख दिया है। इस मामले में पता चला है कि जबलपुर जनपद के ही एक कर्मचारी ने पूरे विवाद की स्क्रिप्ट तैयार की थी। जिस जोड़े को लेकर यह हो-हल्ला मच रहा है, उसका विवाह 11 मार्च को ही हाे चुका था। इस मामले में पुख्ता प्रमाण जुटाए जा चुके हैं। ग्राम पंचायत पड़वार में रहने वाली चंचल झारिया और वीनेर पिपरिया निवासी अरविंद झारिया का विवाह 13 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत होने का दावा किया गया था। जबकि जनपद पंचायत के अफसरों का कहना है कि अनुसार इस जोड़े का विवाह 11 मार्च को ही हो चुका था। यह समारोह पूरे धूमधाम के साथ पड़वार में आयोजित हुआ। इसके बाद 13 मार्च को यह जोड़ा कन्या विवाह योजना का लाभ लेने जमुनिया पहुंच गया। हालांकि इस जोड़े का नाम उस सूची में रहा, जिनका विवाह के लिए पंजीयन हुआ था। अफसरों का कहना है कि जिस तारीख में जोड़े ने आवेदन किया था उस दिन तक वो पात्र रहे, लेकिन सामूहिक विवाह के आयोजन से पहले ही उन्होंने शादी कर ली थी।

पंचायत प्रतिनिधियों ने की पुष्टि:

इस जोड़े के पूर्व से ही विवाहित होने की पुष्टि के लिए जनपद पंचायत के अफसरों ने ग्राम पंचायत पड़वार के पंचायत प्रतिनिधियों से संपर्क किया। उन्होंने भी जब हामी भर दी तो जांच टीम ने पंचायत के जिम्मेदारों से पंचनामा करवा लिया। इस पंचनामे में पंचायत के सरपंच, सचिव, जनपद सदस्य, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम कोटवार के हस्ताक्षर हैं।

शासन स्तर से जांच शुरू:

मामले की गंभीरता को देखते हुए जनपद प्रशासन ने इसकी जानकारी शासन को भी भेज दी। शासन स्तर से इस मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।

जिसने अनुशंसा की वही पर्दे के पीछे:

इस जोड़े के नाम की अनुशंसा जबलपुर जनपद के ही राजेश झारिया नामक पीसीओ ने की थी। उसकी ही जिद के चलते सीईओ ने संबंधित जोड़े को योजना की उपहार सामग्री दे दी थी। लेकिन, एक अन्य अधिकारी द्वारा मामले की गंभीरता से जब सीईओ को अवगत कराया गया तो उपहार उनसे वापस ले लिया गया। इस मामले में पीसीओ को नोटिस भी जारी किया गया है।

पीसीओ मेडीकल लीव पर:

इस मामले को लेकर जांच की आंच से बचने संबंधित पीसीओ राजेश झारिया चिकित्सा अवकाश पर चला गया है। ऐसे भी आरोप लग रहे हैं कि मामले की गलत ढंग से शिकायत के पीछे भी इसी पीसीओ का हाथ रहा है। उसने अपने ही सहकर्मियों से खींचतान के चलते इस मामले को गलत स्वरूप देने का षड़यंत्र रचा।

इन्होंने यह कहा..

संबंधित जोड़े का नाम सूची में रहा, क्योंकि सूची काफी पहले बनी थी। लेकिन, सामूहिक विवाह से पहले ही उनका विवाह हो चुका था। इस मामले में पंचायत के प्रतिनिधियों से पंचनामा तैयार करा लिया गया है। शासन स्तर से जांच शुरू की जा चुकी है। जैसे भी निर्देश मिलेंगे वैसी कार्रवाई की जाएगी।

-यजुवेंद्र कोरी, जनपद सीईओ, जबलपुर

Posted By: Jitendra Richhariya

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