जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भारतीय जनता पर्टी की निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के मामले में तल्ख टिप्पणी करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस जेबी पारदीवाला के खिलाफ भारत के प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र भेजा गया है। यह पत्र भेजने वाले जबलपुर निवासी अधिवक्ता डीके जैन ने इस पत्र की सुप्रीम कोर्ट में पत्र याचिका बतौर सुनवाई किए जाने पर बल दिया गया है। साथ ही जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस जेबी पारदीवाला के खिलाफ आपराधिक अवमानना प्रकरण भी चलाए जाने की आवश्यकता रेखांकित की गई है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में वकालत करने वाले अधिवक्ता जैन का तर्क है कि नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की थी, उसका गुणदोष के आधार पर फैसला करने के स्थान पर जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस पारदीवाला ने मनमानी टिप्पणी कर दी। दोनों जजों द्वारा ओपन कोर्ट में की गई टिप्पणी नुपूर शर्मा को ट्रायल से पहले ही अपराधी घोषित करने वाली थीं। यही नहीं नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने विवश किया गया। सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को दरकिनार कर गैर मर्यादित, अहंकारी ही नहीं गैर कानूनी टिप्पणी की गई। इससे भारत की न्यापालिका की छवि भारत ही नहीं दुनिया भर में धूमिल हुई है। इसलिए भारत के प्रधान न्यायाधीश इस मामले की आपराधिक अवमानना प्रकरण के रूप में पत्र याचिका दर्ज कर सुनवाई सुनिश्चित करें।
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