Jabalpur City News: जबलपुर। शहर की सड़कों पर इन दिनों गंदगी और कचरे का ढेर नहीं मिलेगा, लेकिन इनकी जगह पर बेसहारा पशुओं ने ले ली है। शहर के मुख्य चौराहों से लेकर सड़क, गलियां, मोहल्लों में इन दिनों बेसहारा पशुओं को जमघट लगा है। इनसे सबसे ज्यादा राहगीर परेशान हैं। सड़क पर गर्मी से बचने के लिए इनके पास चश्मा और गमछा है, लेकिन यहां से गुजरते वक्त इन जानकारों के झुंड से बचने के लिए इनकेे पास कोई जरिया नहीं।

शहर में सबसे ज्यादा बेसहारा पशुओं का झुंड घमापुर, रांझी से लेकर अंबेडकर चौक, सराफा, बड़ी बाजार, गढ़ा और गोरखपुर की सड़कों पर दिखता हैं। इन्हें हटाने की जिम्मेदारी निगम के जिन अधिकारी और कर्मचारियाें के पास है, वे भरी दोपहरी में निकलते नहीं है। उनका निकलना रात के वक्त होता है।

सड़क दुर्घटना में घायल हो रहे राहगीर

सड़क पर बैठे इन पशुओं की वजह से राहगीर घायल हो रहे हैं। दिन और रात के वक्त अचानक सड़क पर आ जाने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है। राहगीरों का कहना है कि जिन पशुओं के मालिकों द्वारा इन्हें सड़क पर छोड़ा जाता है। निगम को ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई करना चाहिए। दरअसल रात के वक्त शहर की अधिकांश सड़कों पर अंधेरा रहता है, यहां से गुजरने वाले दो पहिया वाहनों के चालक कई बार सड़क पर बैठे इन पशुआें को नहीं देख पाते और घटना का शिकायत होते हैं। ऐसी कई घटनाओं में वाहन चालक की मौत तक हो चुकी है।

विवाद और फिर शिकायत

इस बीच दूसरा पक्ष यह भी है कि निगम के अधिकांश हांका गैंग में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ हाल ही में पशुपालकों ने जमकर विवाद किया है। विभाग के मुताबिक कार्रवाई के दौरान पशुओं को पकड़ते वक्त पशुपालक और स्थानीय लोगों ने उनके साथ मारपीट की। यहां तक की उनकी शिकायत थाने तक में दर्ज करा दी। इस वजह से कई बार बेसहारा पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई से परहेज करते हैं। इधर विभाग ने कार्रवाई से पूर्व संबंधित थाने में इसकी सूचना देना शुरू कर दिया है, ताकि विवाद की घटनाओं से बचा जा सके।

यह हैं हालात

- घमापुर से रांझी के बीच सबसे ज्यादा बेसहारा पशु सड़क पर बैठे रहते हैं।

- अधारताल से महाराजपुर और सुभाष नगर में भी इनका जमघट लगा है।

- भानतलैया, गोरखपुर, गोकलपुर और गढ़ा में भी पशुओं का झुंड सड़क पर बैठा रहता है।

- कई खाने की दुकान के संचालक सड़क किनारे खाना फेंकते हैं, जिसे खाने के लिए पशुओं का झुंड लगता है।

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- घमापुर से अंबेडकर चौक के बीच सड़क अच्छी है, इस वजह से कई बार तेज वाहन चलाने के दौरान पशु अचानक सड़क पर आ जाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं।

दीपक विश्वकर्मा, आमजन

- फुहारा और सब्जीमंडी में बेसहारा पशुओं की संख्या ज्यादा होती है। इसकी वजह यहां के दुकानदार द्वारा फेंकी जाने वाली सब्जियां हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।

सुनीता कोरी, आमजन

-बेसहारा पशुओं को सड़क से पकड़कर उन्हें कांजीहाउस तक ले जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता। बीच सड़क पर बैठे जानवारों से दुर्घटनाएं हो रही हैं।

अजय पटेल, आमजन

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हम सुबह और शाम, दो वक्त बेसहारा पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई करते हैं। शनिवार को भी 30 जानवारों को पकड़ा था। हालांकि इस दौरान कर्मचारियों को विवादों से जूझना पड़ता है। कई बार कर्मचारियों की थाने में शिकायत तक हो गई है।

राजेन्द्र पटेल, सहायक अधीक्षक, नगर निगम

Posted By: Shivpratap Singh

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