जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जय सिंह सरोते की अदालत ने तेंदुआ की खाल तस्करी करने के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि मामला गंभीर प्रकृति का है, ऐसे मामलों में जमानत का लाभ देना उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। वन्य पशुओं का संरक्षण आवश्यक है। उनके शिकार पर अंकुश के लिए सख्ती आवश्यक है। अभियोजन के मुताबिक टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने मुखबिर की सूचना पर जबलपुर में एक संदिग्ध कार की तलाशी ली। तलाशी के दौरान आरोपित के पास से तेंदुआ, हिरण और चीतल की खाल बरामद हुई। इसी मामले में आरोपित की ओर से जमानत अर्जी दायर की गई। अतिरिक्त लोक अभियोजक की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
अवैध हरियार रखने के आरोपित को झटका : प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी मंजुल सिंह की अदालत ने अवैध तलवार रखने के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी। साथ ही न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी बबीता कुल्हारा ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि रात्रि गश्त के दौरान गोहलपुर पुलिस ने आरोपित को अवैध हथियार चमकाते पकड़ा था। इस तरह के आरोपित समाज में खुले नहीं छोड़े जा सकते हैं। इससे शांति भंग होने की आशंका बनी रहती है। लिहाजा, जमानत न दी जाए। कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि अवैध हथियार के जरिए समाज का वातावरण खराब करना अनुचित है।
Posted By: Ravindra Suhane
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