जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सीधी बस हादसे के बाद भी बस ऑपरेटर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बेपरवाह हैं। 52 सीटर बसों में ठूंस-ठूंस कर क्षमता से अधिक सवारी बैठाई जा रही हैं। अधिकांश बसों में ज्यादा किराया वसूलने के चक्कर में आपातकालीन द्वार के पास ही अतिरिक्त सीट लगा दी गई है। कुछ बस कंडम होने के बाद भी बिना फिटनेस और परमिट के चलाई जा रहीं हैं। ऐसे वाहनों को आरटीओ ने जब्त करने की कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी रखी। आरटीओ ने मंडला रोड पर 66 बस की जांच की, जिसमें मापदंडों का पालन नहीं करने पर 26 बस चालकों से 49 हजार 500 रुपये जुर्माना वसूला गया और तीन बस जब्त की गईं।
बस में स्पीड गवर्नर ही नहीं : आरटीओ अमले ने मंडला रोड पर गौर नदी के आगे तेज रफ्तार में आ रही बस नंबर एमपी-20 पीए 0777 को रोककर जांच की। इसमें पता चला कि बस की रफ्तार कंट्रोल करने वाला स्पीड गवर्नर ही नहीं लगाया गया। तब आरटीओ ने बस का फिटनेस निरस्त करके वाहन जब्त कर लिया।
52 सीट की बस, 65 यात्री सवार: बरेला रोड पर आरटीओ के दूसरे दल ने बस नंबर एमपी-20 पीए 5751 को रोककर जांच की। अमले ने बस के भीतर का हाल देखे, तो हैरान रह गए। इस 52 सीटर बस में करीब 65 यात्री ठूंस-ठूंस कर भरे गए गए थे। क्षमता से अधिक यात्री बैठाने पर ड्राईवर से पूछा कि इतनी सवारी क्यों बैठाए हो?, तो वह बगलें झांकने लगा। अमले ने इस बस को जब्त कर आरटीओ कार्यालय पहुंचाया दिया।
आपातकालीन द्वार बंद: प्रत्येक बस में आपातकालीन द्वार या खिड़की लगाए जाने का प्रविधान है, जिससे कि आपातकालीन स्थिति में यात्रियों को बाहर निकलने का अवसर मिले। कई बस ऑपरेटरों ने आपातकालीन द्वार बंद कर वहां सीट लगा रखी थी। आरटीओ जांच में सात बस में आपातकालीन द्वार पर अतिरिक्त सीटें लगी पाकर जुर्माना किया गया।
तीन में खामियां मिलीं : जांच के दौरान तीन बस में भारी खामियां मिलने पर उन्हें जब्त करके आरटीओ कार्यालय भेज दिया गया। इनमें किसी का फिटनेस नहीं था, तो किसी के पास पॉल्युशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट नहीं था। इन वाहनों से प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट एड बॉक्स व अग्निशमन यंत्र नदारत थे। साथ ही इंडीकेटर, स्पीड गवर्नर भी काम नहीं करते पाए गए। इसलिए तीन बस जब्त की गईं।
ये बसें जब्त
एमपी-20 पीए - 5751
एमपी-20 पीए - 0879
एमपी-20 पीए - 0288
Posted By: Ravindra Suhane