जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिये जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के कर्मचारी की मनमानी सेवानिवृत्ति पर रोक लगा दी। साथ ही जेएनकेविवि कुलपति व कुलसचिव को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। इसके लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है। जेएनकेविवि के प्रबंध मंडल, अधिष्ठाता व लेखा नियंत्रक को भी नोटिस जारी किए गए हैं। आगामी आदेश तक याचिकाकर्ता को सेवा में रखे जाने की व्यवस्था दी गई है। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता अधारताल, जबलपुर निवासी सुदर्शन सिंह की ओर से अधिवक्ता रमेश कुशवाहा व अशोक कुमार गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता विनियमित स्थायी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है। वह 1983 से जेएनकेविवि में कार्यरत है। 13 अगस्त, 2018 को राज्य शासन के परिपत्र दिनांक सात अक्टूबर, 2016 के तहत स्थायी कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया गया था। प्रबंध मंडल विनियमित स्थायी दैवेभो की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 करने के सिलसिले में समिति का गठन कर चुका है। इसके बावजूद याचिकाकर्ता को 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त करने की तैयारी कर ली गई। चूंकि ऐसा करने से दो वर्ष और सेवारत रहने का अधिकार मारा जा रहा है, अत: हाई कोर्ट आना पड़ा।
जिला अदालत परिसर में रेलवे टिकट काउंटर की मांग : जिला बार, जबलपुर ने जिला अदालत परिसर में रेलवे टिकट काउंटर की सुविधा दिए जाने पर बल दिया है। जिला बार अध्यक्ष सुधीर नायक व सचिव राजेश तिवारी ने बताया कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट व जिला अदालत, जबलपुर के भवन आसपास हैं। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में प्रकरणों की सुनवाई होती है। राज्य व देश के कई हिस्सों से लोगों की यहां आवाजाही होती रहती है। ऐसे में ट्रेन के जरिये यात्रा करके आने वालों की संख्या अधिक है। कई बार पक्षकारों व बाहर से आने वाले वकीलों की ट्रेन छूट जाती है। लंबी कतार में खड़े होकर टिकट लेना भी मशक्कत भरा कार्य है। ऐसे में यदि अदालत परिसर में रेलवे टिकट काउंटर खुल जाए तो सुविधा होगी।
Posted By: Ravindra Suhane
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