जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। कोरोना व लाकडाउन के समय में शहर के युवाओं को अपने कई तरह के शौकों को निखारने का अवसर मिला। वहीं कुछ लोगों ने समय का उपयोग नई विधाओं को सीखने में भी किया। ऐसी ही एक विधा है फोटोग्राफी। पिछले कुछ समय से शहर के युवाओं के बीच फोटोग्राफी का खासा शौक देखा जा रहा है। अच्छी बात यह है कि युवा फोटोग्राफी को शौक के साथ-साथ अपने करियर से भी जोड़ रहे हैं। लोगों में फोटोग्राफी के इसी बढ़ती रुचि को देखते हुए फोटोग्राफी पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उन लोगों ने भाग लिया जो फोटोग्राफी को बतौर शौक या करियर की तरह अपना रहे हैं।
फोटोग्राफी की बारीकियां बताईं : कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ आदित्य मोदी ने मौजूद सदस्यों को फोटोग्राफी की बारीकियां बताईं। उन्होंने बताया कि पहले फोटोग्राफी करने के लिए कुछ विशेष लोग ही हुआ करते थे जिन्हें छायाकार कहा जाता था। लेकिन वर्तमान में स्मार्ट फोन ने हर किसी को छायाकार या फोटोग्राफर बना दिया है। इसके फायदे भी हुए हैं तो कुछ नुकसान भी। फोटोग्राफी एक तकनीकी से युक्त कला है। जिसे करने के लिए एक छायाकार की तरह नजर होना जरूरी है। एक फोटो लेने में प्रकाश, आसपास का माहौल, विषय सभी कुछ महत्वपूर्ण होता है। प्रकाश या लाइट किस तरफ से आ रही है और विषय पर उसका प्रभाव कैसा व कितना है यह देखना जरूरी है। बिना प्रकाश की सही व्यवस्था के एक अच्छी फोटो ले पाना कठिन है।
बना सकते हैं करियर : विशेषज्ञ ने बताया कि आज के समय में फोटोग्राफी का शौक एक बेहतर करियर भी बना सकता है। शहर में हो रही फिल्मों की शूटिंग, मॉडलिंग की बढ़ती मांग को देखते हुए फोटोग्राफी की मांग भी बहुत बढ़ी है। युवाओं को चाहिए कि वे तकनीक के साथ फोटोग्राफी को बेहतर बनाने का प्रयास करें। जो भी फोटो लें उसका एक एलबम जरूर तैयार करें। जिससे रिकॉर्ड बना रहे। कार्यशाला के आयोजन में चक्रेशहार सूर्या, हेमंत विश्वकर्मा व अन्य सदस्यों का सहयोग रहा।
Posted By: Brajesh Shukla
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