जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। सैन्य जवान जो सीमा पर तैनात रहते हुए देश की रक्षा करते हैं। वैसे तो ये हर समय अपने बेहतर देने की पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन यदि इन्हें तकनीकी ज्ञान भी दे दिया जाए तो ये किसी भी तरह से पीछे नहीं रह पाएंगे। इन्हीं बातों का ध्यान रखते हुए शहर में आइटीबीपी के जवानों को भारत रत्न भीमराव आंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेलीकॉम ट्रेनिंग सेंटर में पहली बार नेटवर्क की सुरक्षा को लेकर एक माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान वे भारतीय सीमा पर दुर्गम क्षेत्रों में संचार सेवाओं को कैसे दुरुस्त रखा जाए इसके बारे में प्रशिक्षण ले रहे हैं। यदि अचानक नेटवर्क बाधित हो जाता है तो ऐसे में कैसे कुछ ही समय पर सिस्टम को रिस्टोर कर सकते हैं। 5-जी तकनीक, माइक्रोवेव क्या है यह कितनी प्रभावी है जैसी तकनीकी बारीकियों से सेना के अफसरों को परिचित कराया जा रहा है।
30 सैन्य जवान है शामिल : इस प्रशिक्षण के दौरान 30 सैन्य जवान हिस्सा ले रहे हैं। इन्हें छह फैकल्टी सदस्यों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सुबह 10 बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक चल रहे इस प्रशिक्षण के दौरान हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखा जा रहा है। तकनीकी ज्ञान सैन्य जवानों को आसानी से समझ में आए इसके लिए उन्हें थ्योरी के साथ ही लैब में प्रैक्टिकल कराया जा रहा है। एक्सरसाइज और एक्टिविटी बेस्ड प्रशिक्षण पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। यह सभी के लिए खास प्रशिक्षण साबित होगा। इतने बड़े संस्थान से प्रशिक्षण के बाद मिलने वाला सर्टिफिकेट जवानों के प्रोफाइल को भी बेहतर बनाएगा। इस प्रशिक्षण के दौरान इन्हें ऑप्टिकल फाइबर, माइक्रोवेव कम्युनिकेशन, पैकेट बेस्ड ऑप्टिकल कम्युनिकेशन, 5-जी तकनीक जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सैद्धांतिक और प्रायोगिक रूप से जानकारी प्रदान की जा रही है।
Posted By: Brajesh Shukla
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