Jabalpur News: जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। प्रवर्तन निदेशालय, ईडी ने चर्च आफ नार्थ इंडिया (सीएनआई) के बर्खास्त बिशप पीसी सिंह और उसके करीबी सुरेश जैकब के घरों पर दूसरे दिन भी कार्रवाई जारी रखी। जांच प्रक्रिया के दौरान रात लगभग 11 बजे तक ईडी की टीम ने क्राइस्ट चर्च ब्वायज और क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल के आफिस में दस्तावेजों की गहन पड़ताल की।

इस दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। जांच और पूछताछ में ईडी को जानकारी लगी कि सीएनआई के जरिए बिशप को इंग्लैंड से फंडिंग की जाती थी। अब टीम उसके दस्तावेज जुटाने का प्रयास कर रही है। ताकि यह पता चल सके कि कब और कितना फंड इंग्लैंड से आया और उसका क्या इस्तेमाल किया गया।

बुधवार देर रात कार्रवाई के बाद दोनों के घरों में दो सिपाही और एक महिला सिपाही को तैनात किया गया। गुरुवार सुबह फिर टीम दोनों के घरों में पहुंची और कार्रवाई शुरू की।

प्राचार्य सहित पुत्र से भी पूछताछ

ईडी की टीम ने दोनों स्कूलों के प्राचार्यो से भी पूछताछ की। उनसे पीसी सिंह के कार्यकाल के दौरान हुए एक-एक कारनामे और विदेशी फंडिंग की जानकारी जुटाई। इधर पीसी सिंह उसके बेटे पीयूष पाल सहित सुरेश जैकब और उसके बेटे क्षितिज जैकब से भी ईडी के अलग-अलग अधिकारियों ने अलग-अलग बिन्दुओं से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान चारों के मुंह से विदेशी फंडिग के राज निकलवाने का प्रयास किया गया।

बैंक खाते खंगाले, विदेश यात्राओं की जानकारी जुटाई

ईडी को पता चला कि पीसी सिंह विदेश यात्राओं में जब भी जाता था, वह विदेशी फंड जमा करता था। उसके बैंक खाते की जांच के दौरान कई ऐसे लेन-देन के सुराग मिले हैं, जो इंग्लैंड सहित अन्य देशों से फंडिंग से जुड़े हैं। वह पैसा किसने और क्यों उसके खाते में भेजे, इसके सम्बंध में भी पूछताछ की गई। वहीं यह भी पता लगाया गया कि बिशप और सीएनआई का चैयरमैन रहते हुए पीसी सिंह किस-किस देश और किस-किस मंशा से गया। ईडी को कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर कानूनी कार्रवाई को गति दी जाएगी।

पूर्व मंत्री बब्बू ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

इधर पूर्व मंत्री हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने इस मामले में मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। जिसमें मथोडिस्ट चर्च इन इंडिया की तैयब अली चौक व दीक्षित प्राइड वाली जमीनों का मुद्दा रेखांकित किया गया है। पत्र में साफ किया गया है कि पूर्व में बब्बू की शिकायतों को गंभीरता से लेकर तत्कालीन कलेक्टर महेश चंद्र चौधरी ने अंबिका चरण दीक्षित सहित अन्य नोटिस देकर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया था।

यहां तक की दीक्षित प्राइड कुर्क करने तक का नोटिस दिया गया था। किंतु रसूखदारों ने राजस्व मंडल, ग्वालियर की शरण लेकर दस्तावेजों में हेरफेर का खेल खेला और बचाव कर लिया। इसके साथ ही आवासीय लीज पर मिली जमीन का व्यवसायिक उपयोग किया गया। लिहाजा, राज्य शासन एक कमेटी गठित करे। जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ईडी व सीबीआई भी इस दिशा में कार्रवाई करें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो धरना दिया जाएगा।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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