जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। इन दिनों अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सिर्फ भू माफियाओं के खिलाफ चलाई जा रही है।लेकिन सड़क किनारे से लेकर चौराहे और शासकीय संपत्ति पर दुकान तान देने वालों के खिलाफ न तो नगर निगम अब तक एक्शन मोड पर आ पाया है और न ही जिला प्रशासन।
दरअसल नगर निगम ने शहर के चौराहों और सड़क किनारे बैठे मैकेनिकों को काम करने के लिए एक व्यवस्थित जगह दी। इनके लिए शहर के कई क्षेत्रों में मैकेनिक जोन बनाए गए, लेकिन आज इनकी स्थिति यह है कि यहां पर मैकेनिकों की दुकान की बजाए चाय-नाश्ते के ठेले चल रहे हैं। हकीकत यह है कि सुबह से लेकर शाम तक इन मैकेनिक जोन में शराबखोरी और जुआ खेलने वालों का जमघट लगा रहता है ।
नगर निगम ने इन जोन को बनाने के लिए जितना प्रयास किया, उतना इसके संरक्षण और मरम्मत के लिए नहीं किया गया। मैकेनिक जोन बनाने के बाद इन्हें आवंटित कर दिया गया लेकिन इनकी मरम्मत से लेकर देखरेख का काम भगवान भरोसे छोड़ दिया । यही वजह है कि अधारताल मैकेनिकल जोन से लेकर सुहागी मैकेनिक जोन तक वाहन सुधारने वाले मिस्त्री से ज्यादा चाय नाश्ता ओर पान ठेले लगे हुए हैं।
सुहागी मैकेनिकल जोन नगर निगम के संभाग क्रमांक 15 के मुख्यालय के सामने बनाया गया हैऔर अधारताल नए थाने के पास मैकेनिक जोन का हाल बेहाल है । इसकी देखरेख नहीं की जाती ।हालात यह है कि यहां पर चाय पानी से लेकर बस स्टॉप के यात्री बैठते हैं। सब्जी और फल के ठेले भी लग रहे हैं । निगम ने इन्हें हटाने की अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की। निगम प्रशासन से दबाब आने पर चालान की कार्रवाई करके इन्हें छोड़ दिया जाता है, हालांकि कोरोना काल के बाद से यहां की स्थिति और खराब हो गई है।
Posted By: Ravindra Suhane
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