जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। वर्षों से चुनाव की राह तक रहे केंट बोर्ड के नेताओं को फिर एक बार मायूसी हाथ लगी है। रक्षा मंत्रालय की ओर से अपने विशेषाधिकारों का प्रयोग कर देश भर के केंट बोर्ड सदस्यों की निर्वाचन प्रक्रिया को रद कर दिया है। रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश मित्तल की ओर से जारी पत्र के अनुसार केंट बोर्ड एक्ट 1897 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए रक्षा मंत्रालय भारत शासन की ओर से 17 फरवरी के नोटिफिकेशन को रद कर दिया है। इस तरह से छह फरवरी 2023 को जारी किया गया नोटिफिकेशन फिर एक बार अस्तित्व में आ गया है। छह फरवरी 2023 को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि अगल छह महीने तक केंट बोर्ड बिना प्रतिनिधियों के ही काम करेगा। अर्थात परिषद के निर्वाचित सदस्य नहीं बैठेंगे।
कहीं निराशा तो कहीं खुशीः
चार साल से चुनाव की बाट जोह रहे नेताओं को उम्मीद रही कि 17 फरवरी का नोटीफिकेशन केंट बोर्ड में जनता के प्रतिनिधियों को फिर प्रवेश दिलाएगा और लोगों की बात केंट प्रशासन के पास तक न केवल पहुंच सकेगी, बल्कि उस पर अमल भी हो सकेगा। लेकिन 17 मार्च के आदेश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। केंट बोर्ड चुनाव की प्रक्रिया रद कर दिए जाने पर केंट कांग्रेस के नेताओं ने हर्ष व्यक्त किया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है चुनाव प्रक्रिया का रद होना उनके आंदोलन की जीत है। उनकी ओर से पेंटीनाका चौराहे पर मिठाई भी बांटी गई। इस मौके पर पूर्व केेंट बोर्ड उपाध्यक्ष अभिषेक चौकसे सहित किरण लखन ठाकुर, अमरचंद बावरिया, अभय नायडू, सौरभ गौतम, राहुल रजक, राकेश बावरिया, पवन कनौजिया, नीलेश मलिक, अकबर खान, मुन्ना भाईजान, विजय पांडे, राजेश चौबे, सैमुअल जेवियर, जब्बार अंसारी आदि मौजूद रहे।
इस तरह की चर्चाएं भी सरगर्मः
क्षेत्र के पूर्व पार्षद अमित अग्रवाल ने एक नहीं जानकारी दी। उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया रद तो कर दी गई है, लेकिन इसके पीछे वजह वोटरों के नाम कटना या जुड़ना नहीं है। बल्कि इसकी वजह है पीएमओ का दखल। उनके मुताबिक पीएमओ जी-20 की बैठक के संदर्भ में रक्षा मंत्रालय से कुछ सहयोग चाह रहा था, लेकिन उसकी ओर से चुनाव प्रक्रिया चल रही होने की बात कही गई। जिस पर पीएमओ ने जी-20 की बैठक को महत्वपूर्ण बताया गया। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने इस प्रक्रिया काे रद कर दिया।
Posted By: Jitendra Richhariya
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