जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सड़कों पर भटकने वाले मवेशियों के मामले में सुनवाई बढ़ा दी है। प्रशासनिक न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस वीरेंदर सिंह की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई दो मार्च को निर्धारित की है।
गोकलपुर जबलपुर निवासी ब्रजेन्द्र लक्षमी यादव की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि 12 नवंबर, 2019 को उन्होंने तेंदूखेड़ा से दमोह के बीच लगभग दो हजार गोवंश के मवेशियों का झुंड देखा। पूछताछ करने पर पता चला कि ग्वालियर के श्योपुर से मवेशियों को बेचने के लिए बालाघाट ले जाया जा रहा है। इस मामले में तेंदूखेड़ा थाने में शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता योगेश धांडे पैरवी कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ सिविल लाइंस निवासी पूर्णिमा शर्मा ने 24 अक्टूबर, 2019 को मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा था।
पत्र में कहा गया कि विभिन्न हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने आवारा मवेशियों के सड़कों पर स्वच्छंद विचरण पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। स्थानीय निकाय के कर्मचारी पशुओं के साथ क्रूरता पूर्वक व्यवहार करते है। शहर के कांजी हाउस और गौशालाओं में बेसहारा मवेशियों के लिए व्यवस्था नहीं है। इसके कारण मवेशियों की मौत हो रही है। इस मामले में संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने पत्र की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट पहुंचा इथेनॉल टैक्स में विसंगति से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का मामला : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिये इथेनॉल टैक्स में विसंगति को कठघरे में रखा गया है।
जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के संयोजक मनीष शर्मा का दावा है कि पेट्रोल-डीजल में इथेनॉल मिश्रण की वजह से आम उपभोक्ताओं को पेट्रोल व डीजल के अपेक्षाकृत अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं। इस रवैये के खिलाफ पूर्व में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस विभाग को लीगल नोटिस जारी किया गया था। संतोषजनक जवाब नदारद होने के कारण व्यापक जनहित में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। पूर्व में इथेनॉल टैक्स महज पांच से सात फीसद था, लेकिन अब उपभोक्ताओं से इसके लिए 25 फीसद के लगभग चार्ज वसूला जा रहा है। नतीजतन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ गए हैं। उपभोक्ताओं को प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल पर चार से पांच रुपये अतिरिक्त चुकाने विवश होना पड़ रहा है। दिलचस्प बात तो यह है कि उपभोक्ता को पेट्रोल पंप से मिलने वाले बिल में इथेनॉल टैक्स के रूप में वसूले जाने वाले अतिरिक्त चार्ज का जिक्र तक नहीं होता।
Posted By: Ravindra Suhane
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
- #Madhya Pradesh High Court
- #High Court jabalpur
- #Hearing in the case
- #cattle wandering on the road
- #jabalpur news