जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। बेटे ने गर्दन पर पहली कुल्हाड़ी चलाई थी, जिसके बाद दामाद व उसके दोस्तों ने हाथ काटे। हत्या का राज छिपाने के लिए पत्नी ने कमरे में पोंछा लगाकर खून साफ किया था। घटना कोनीकला मझौली निवासी मनोज सिंह राजपूत (44) हत्याकांड से जुड़ी है। मनोज की हत्या की साजिश उसकी पत्नी व बेटे ने रची थी, जिसमें रिश्ते के दामाद व उसके दोस्तों को शामिल किया गया। साजिश रचकर 18 जून की रात करीब एक बजे पत्नी, बेटा, दामाद व उसके दो दोस्तों ने कोनीकला स्थित घर में मनोज की हत्या कर दी थी। घर के भीतर गर्दन व हाथ काटने के बाद धड़ को घर से 100 मीटर दूर खेत में तथा गर्दन व हाथ को 15 किलोमीटर दूर कटंगी मुरवारा में पाया गया था। अंधे हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है तथा दो फरार हैं। खास बात यह है कि जिस चादर में मनोज का शव लपेटकर खेत में फेंका गया था, पुलिस उसी के सहारे आरोपितों तक पहुंच गई। उसके धड़ को घर से ही चादर व खोल में लपेटकर खेत तक ले जाया गया था।
भविष्य को लेकर चिंता में लिया निर्णय-
पुलिस ने बताया कि मनोज पैतृक जमीन बेचकर हाथ आई रकम शराबखोरी में उड़ाने लगा था। वह शेष रह गई जमीन भी बेचने की फिराक में था। भविष्य को लेकर चिंता के चलते मनोज की पत्नी कलेशा बाई (40) व बेटे कविराज राजपूत (24) ने उसे हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की साजिश रची। कलेशा बाई ने अपने जेठ के दामाद बसहा भेड़ाघाट निवासी अभिषेक राजपूत (26) को साजिश में शामिल कर लिया। इसके बाद अभिषेक ने अपने दो दोस्तों बसहा निवासी अमित पटेल व अन्नू चडार को लालच देकर मनोज की हत्या की साजिश रची। कलेशा, कविराज व अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया है। अमित पटेल व अन्नू चडार की तलाश की जा रही है।
यह है मामला-
कोनीकला मझौली निवासी मनोज सिंह राजपूत की हत्या कर शव को प्रदीप सिंह राजपूत के खेत में फेंक दिया गया था। हमलावरों ने निर्ममता से गर्दन व हाथ काटकर मनोज की हत्या की थी। खेत में चादर में लिपटा उसका धड़ मिला था। करीब 15 किलोमीटर दूर मुरवारा कटंगी में उसका सिर व हाथ पाया गया था। कटे हुए हाथ पर एमके तथा ओम लिखा था। सिर, धड़, हाथ जब्त करने के बाद पुलिस ने मृतक की शिनाख्त मनोज सिंह के रूप में की। अज्ञात आरोपितों के खिलाफ हत्या की एफआइआर दर्ज कर पुलिस उनका पता लगा रही थी। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर आरोपितों की पतासाजी के लिए पृथक से पुलिस टीम का गठन किया गया था।
शराब पीकर करता था मारपीट-
कलेशा एवं कविराज ने पूछताछ में बताया कि मनोज पैतृक जमीन परिवार की सहमति के बगैर औने-पौने दाम में बेच रहा था। उसके द्वारा बेची गई जमीन पर वेयरहाउस खोला गया है। जमीन बेचने के बाद हाथ आई रकम शराबखोरी में उड़ाने लगा था। अपने दोस्तों को भी पैसे बांटता था। मनोज अक्सर शराब के नशे में घर पहुंचता और गाली-गलौज करते हुए कलेशा के साथ मारपीट करता था। कविराज के साथ भी उसने कई बार मारपीट की थी। उसकी हरकतों से कलेशा त्रस्त हो चुकी थी।
इनकी रही भूमिका-
अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में एएसपी ग्रामीण शिवेश सिंह बघेल, सिहोरा एसडीओपी भावना मरावी, मझौली टीआइ सज्जन सिंह, एसआइ अभिलाष मिश्रा, ऋषभ सिंह बघेल, एएसआइ रामसनेही पटेल, आरक्षक अमित पटेल, सुमित, सोमदीप एवं सायबर सेल के प्रधान आरक्षक अमित पटेल की भूमिका रही। एसपी बहुगुणा के पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
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