जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। हाई कोर्ट का ध्यान एक याचिका के जरिए इस ओर आकृष्ट कराया गया कि केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) जबलपुर में जज का एक पद रिक्त है। इस वजह से युगलपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए निर्धारित कई प्रकरणों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ ने रक्षा सचिव, इंडियन आर्डनेंस फैक्ट्रीज बोर्ड के चेयरमैन व ग्रे आयरन फाउंड्री के महाप्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता जीआइएफ जबलपुर में पदस्थ जय प्रकाश की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा व एएस पनवार ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि ने दो वर्ष पहले आर्डनेंस फैक्ट्री ने इन-हाउस प्रमोशन के लिए कई पद निकाले थे। जबलपुर में चार्जमैन मेटालर्जिकल का एक पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित था। याचिकाकर्ता ने उस पद के लिए आवेदन दिया था। इसके अलावा एक अन्य ने भी आवेदन किया था, लेकिन उसके पास अहर्ता नहीं थी। अनावेदक ने कैट में याचिका दायर कर प्रक्रिया में शामिल होने अंतरिम राहत ले ली थी। इस बीच मुंबई सहित अन्य जगहों के कैट और संबंधित उच्च न्यायालयों ने ऐसी अनुमति देने से इन्कार कर दिया था। उसी मामले में याचिकाकर्ता ने भी हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत कर मांग की है कि पात्र होने के नाते उसे ही पदोन्नाति दी जाए। याचिका में कहा गया है कि कैट में प्रशासनिक सदस्य नहीं है, जिस कारण अब उस मामले में सुनवाई नहीं हो पा रही है। याचिका में मांग की गई कि कैट में जल्द से जल्द प्रशासनिक सदस्य की नियुक्ति की जाए।
सहायक यंत्री शुक्ला की संपत्ति का भौतिक सत्यापन शुरू, आय-व्यय का लेखा जोखा तैयार कर रही ईओडब्ल्यू की टीम
जबलपुर। नगर निगम के सहायक यंत्री (पूर्व उद्यान अधिकारी) आदित्य शुक्ला के घर से जब्त निवेश से संबंधित सभी प्रकार के दस्तावेजों की जांच करते हुए संपत्ति का भौतिक सत्यापन शुरू कर दिया गया है। ईओडब्ल्यू की टीम भ्रष्टाचार की जांच करते हुए आदित्य शुक्ला की अब तक की आय एवं व्यय का लेखा-जोखा तैयार कर रही है ताकि उसकी कुल संपत्ति एवं भ्रष्टाचार से की गई कमाई का आकलन किया जा सके। वहीं छापामार कार्रवाई के बाद शुक्ला के खिलाफ कुछ लोगों ने और भी सूचनाएं ईओडब्ल्यू तक पहुंचाई है, उनकी भी तस्दीक शुरू कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत ने बताया कि आगे की जांच के लिए कई बिंदु तय किए गए हंै। इन सभी बिन्दुओं पर जांच करते हुए संपूर्ण जानकारी जुटाई जा रही है।
ये है मामला-
ईओडब्ल्यू की टीम ने नगर निगम के सहायक यंत्री आदित्य शुक्ला के रतन नगर स्थित घर पर आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर जांच करते हुए सर्च कार्रवाई की थी। करीब पंद्रह लाख के सोने के जेवर, दो लाख अस्सी हजार के चांदी के आभूषण व बर्तन, डेढ़ लाख नकद, बैंक खाते में जमा छह लाख चालीस हजार रुपये, तीन लग्जरी कारें, रतन नगर में दो आलीशान मकान, एक बुलेट व एक्सेस गाड़ी मिली थी। बैंक लाकर में भी 660 ग्राम सोना एवं एक किलो 66 ग्राम चांदी मिली थी।
Posted By: Jitendra Richhariya
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