जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रबी उपार्जन के इस सीजन में उपार्जन केंद्रों के निर्धारण का जिम्मा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को दिया गया है। वे अपने अपने क्षेत्र में जरूरत और नियमों के अनुसार केंद्रों का निर्माण कराएंगे। जिले में पिछले सीजन में उपार्जन केंद्रों की संख्या 130 रही, जिनमें इस बार घट-बढ़ हो सकती है। इस सीजन में राजस्व अधिकारियों को अधिकार दे दिए जाने से उपार्जन समिति की पुरानी चौकड़ी की दल नहीं गल पाएगी। बीते खरीफ सीजन तक उपार्जन केंद्र निर्माण के लिए जिला आपूर्ति नियंत्रक के दरवाजे पर भीड़ लगी रहती थी। अनेक दलाल भी वहां मंडराते रहते थे। इसी कार्यालय में डीएमओ (जिला विपणन अधिकारी), नागरिक आपूर्ति निगम (नान) और वेयर हाउसिंग एंड लाजिस्टिक्स कार्पोरेशन के अफसर जमे रहते थे। इन्हीं की मनमानी केंद्र निर्धारण में चलती थी। इनके विरोध में कोई भी आवाज न तो सुनी जाती थी और न ही उसका कोई असर होता था। इसके चलते अपने चहेतों को उपकृत करने उपार्जन केंद्र दिए जाते रहे और किसानों का लगातार शोषण होता रहा। इसके बाद उत्पन्न होने वाली समस्याओं को लेकर किसान सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें कर प्रशासन का लोड और बढ़ाते रहे। ऐसी समस्याओं को दूर करने इस बार जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि उपार्जन का काम और व्यवस्थाएं तो जिला उपार्जन समिति ही देखेगी, लेकिन उपार्जन केंद्रों की स्थापना और वहां की गतिविधियों की मानीटरिंग का काम एसडीएम को सौंप दिया गया है। इस तरह पहले जिस काम को जिले के चार-पांच अफसर अपने तरीकेे से निपटा रहे थे, उसकी काम को उनके साथ ही सात एसडीएम भी देखेंगे। इस व्यवस्था ने खाद्य नियंत्रक कार्यालय के आस-पास लगने वाली भीड़ को समाप्त कर दिया है।

सैटेलाइट इमेज प्रकरण का दिखा असरः

धान उपार्जन के समय सैटेलाइज इमेज के माध्यम से बड़ी संख्या में किसानों के पंजीयनों को असत्यापित किया गया था। व्सवस्था में बदलाव और सैटेलाइट इमेज में पकड़े जाने के भय ने फर्जी सत्यापन कराने वालों पर भी अंकुश लगाया है। आरोप लगते रहे हैं कि फर्जी सत्यापन कराने वाले लोग बाहर का सस्ता अनाज जिले में लाकर एमएसपी पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे। इसमें भी उपार्जन समिति पर संदेह की अंगुली उठती रही है। इस साल गेहूं की बुआई का रकबा करीब 10 हजार हेक्टेयर बढ़ा है, लेकिन पंजीयनों की संख्या में करीब 11 प्रतिशत घट गई। पिछले सीजन में गेहूं के लिए 56987 पंजीयन कराए गए थे, जो इस सीजन में घटकर 50882 हो गए।

फैक्ट फाइल

इस बार गेहूं पंजीयन- 50882

2022-23में पंजीयन- 56987

घटे पंजीयनों की संख्या-6105

2022-23 में बोवाई- 187.5 लाख हेक्टे.

2023-24 में बोवाई-198.25 लाख हेक्टे.

2022-23 में कुल केंद्र- 130

2023-24 में संभावित- 125

Posted By: Jitendra Richhariya

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