Jabalpur News : जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रात्मक गणराज्य भारत के गणतंत्र दिवस को सोनू निगम की सुमधुर आवाज़ ने यादगार बना दिया। संस्करधानी में नर्मदा किनारे आयुर्वेद महाविद्यालय के ग्वारीघाट स्थित परिसर में अपार जनमेदिनी उमड़ी। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शांतनु मुखर्जी शान ने जलवा बिखेरा था, और गणतंत्र दिवस की संध्या पर सोनू निगम ने उत्साह को पंख लगा दिए। भारत पर्व में देशभक्ति से ओतप्रोत ही नहीं रूमानी गीतों की सरस सरिता प्रवाहित कर दी।

ऐसा पहली बार हुआ है, सोनियो, शुकराना, गुमसुम गुमसुम प्रेम की नदिया सहित अन्य गीत सुनते ही रसिक श्रोता झूम उठे। अपने गुरु ओशो की भूमि पर गाकर धन्य हुआ सोनू निगम ने भावुक होकर कहा कि जबलपुर मेरे गुरुत्वपूर्ण ओशो की नगरी है, जहाँ गाकर खुद को धन्य महसूस कर रहा हूँ। मुझे इस वर्ष मंच पर गाते हुए 45 वर्ष हो गए हैं। 31 साल से फिल्मों में गया रहा हूँ। जबलपुर और यहाँ के लोग शानदार हैं। आनन्द आ गया। भविष्य में फिर आना चाहूंगा। जब तक आप सुनना चाहेंगे गाता रहूंगा। मंच से लेकर स्क्रीनों तक, नज़रें टिकाए रहे संगीत प्रेमी : आलम यह था कि मंच के चारों तरफ़ पैर रखने की जगह नहीं थी। इसलिए स्क्रीनों पर संगीत प्रेमी नज़रें टिकाए थे। तिरंगा चारों तरफ लहराया जा रहा था। भारत माता की जय के उद्घोष वातावरण को राष्ट्रीय भाव से आपूरित कर रहे थे।

Posted By: Jitendra Richhariya

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