जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। दो दिनों तक काली पट्टी बांधकर काम करने के बाद शुक्रवार को जिले के सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदाराें ने तीन दिवसीय अवकाश के लिए सामूहिक पत्र कलेक्टर के नाम सौंपा। इन अधिकारियों की लड़ाई में प्रदेश के एसएलआर भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने भी तीन दिवसीय अवकाश पर जाने की घोषणा कर दी है। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी एसोसिएशन राजस्व अधिकारियों की पदोन्नति, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित का दर्जा देने और राजस्व अधिकारियों की वेतन विसंगति को लेकर लंबे समय से प्रयासात है। लेकिन मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिए जाने के चलते प्रदेश के सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदाराें ने 16 और 17 मार्च को काली पट्टी बांधकर काम किया। शुक्रवार को इन सभी ने कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर मीशा सिंह को सामूहिक अवकाश के लिए आवेदन सौंपा। ये सभी राजस्व अधिकारी 20 मार्च से तीन दिनों के सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। राजस्व अधिकारियों के इस आंदोलन में एसएलआर भी कूद पड़े हैं प्रदेश के एसएलआर संघ ने भी 20 से तीन दिनी अवकाश पर जाने की घोषणा की है।
ये है आंदोलन की रूपरेखा:
20 से 22 मार्च तक सभी तहसीलदार-नायब तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। अवकाश की अवधि में सभी राजस्व अधिकारी किसी भी तरह के प्रशासनिक, कार्यपालिक, न्यायालयीन कार्य नहीं करेंगे। वे बोर्ड परीक्षा ड्यूटी भी नहीं करेंगें, जिसकी सूचना अवकाश के आवेदन पत्र में ही दे दी गई है। 24 और 25 मार्च को गूगल मीट के माध्यम से प्रदेश के राजस्व अधिकारी आगे रणनीति पर चर्चा करेंगे।
ऐहतियातन डोंगल वापस लेंगे:
अवकाश की अवधि में सभी राजस्व अधिकारी अपना कार्यालयीन डोंगल वापस लेकर अपने पास सुरक्षित रखेंगे, ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके। साथ ही सभी अधिकारी सभी कार्यालयीन/ प्रशासनिक व्हाट्सएप ग्रुप से सूचना प्रेषण के तत्काल बाद लेफ्ट कर जाएंगे। इसी तरह से वे पीआरसी ग्रुप से भी सभी लेफ्ट होंगे। वे 19 मार्च की शाम अपने शासकीय वाहन की चाबी भी कार्यालय में जमा करा देंगे।
Posted By: Jitendra Richhariya
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