High Court : जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की ग्रीष्म अवकाश कालीन पीठ ने रीवा के डिप्टी कलेक्टर अनुराग तिवारी को जमकर फटकार लगाई। मामला पूर्व आदेश की मनमानी व्याख्या से जुड़ा था। दरअसल, हाई कोर्ट ने पूर्व आदेश का नियत समयावधि में परिपालन सुनिश्चित न किए जाने के रवैए को आड़े हाथ लेकर डिप्टी कलेक्टर को व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश दिए थे। अतः वे हाजिर हुए। इस दौरान उनका लिखित जवाब रिकार्ड पर लिया गया। जिसमें उन्होंने साफ किया था कि हाई कोर्ट अपील निरस्त कर चुका है, इसीलिए यथास्थिति कायम रखने की प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। यह पढ़ते ही न्यायमूर्ति अग्रवाल बेहद नाराज हो गए।
आप स्वयं को सुप्रीम कोर्ट न समझें
हाई कोर्ट ने डिप्टी कलेक्टर तिवारी को सख्त लहजे में समझाइश दी कि आप स्वयं को सुप्रीम कोर्ट समझने की नादानी न कीजिए। ऐसा इसलिए क्योंकि अपील इस दिशा-निर्देश के साथ निराकृत की गई थी कि 90 दिन के भीतर दूसरे पक्ष को विधिवत सुनवाई का अवसर देकर समुचित निर्णय पारित किया जाए। किंतु ऐसा करने की जहमत नहीं उठाई गई।
गंंभीरता से सुनें और गलती स्वीकरें
हाई कोर्ट में हाजिर हुए डिप्टी बीच में बोलने लगे। वे सफाई दी रहे थे। इस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए ताकीद दी कि गम्भीरता से सुनें और गलती स्वीकार कर सुधार की दिशा में सोचें अन्यथा दिक्कत में पड़ जाएंगे।
Posted By: Dheeraj Bajpaih