High Court Jabalpur : जबलपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट ने डाक्टर को हलफनामे पर यह बताने को कहा है कि शिक्षिका को मृत्युपूर्व कौन सा इलाज दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने संबंधित डाक्टर को हलफनामा पेश करने दो सप्ताह का समय दिया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अनुग्रह योजना का लाभ के संबंध कलेक्टर को शिक्षिका के मेडिकल रिकार्ड की जांच कर उचित निर्णय पारित करने कहा था। कलेक्टर ने आवेदन निरस्त कर दिया, तो मृतिका के पति ने दोबारा हाई कोर्ट की शरण ली।
नरसिंहपुर निवासी अजीत कुमार सोनी ने याचिका दायर कर बताया कि उसकी पत्नी अभिलाषा शासकीय शिक्षिका के पद पर पदस्थ थी। उसने मुख्यमंत्री अनुग्रह योजना का लाभ पाने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता योगेश मोहन तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि अभिलाषा को कोरोना होने पर दो अप्रैल, 2021 को जबलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन फेफड़े सौ प्रतिशत डैमेज होने से मौत हुई। उन्होंने बताया कि पूर्व में हाई कोर्ट ने कलेक्टर को निर्देश दिए थे कि मृतिका के सभी मेडिकल दस्तावेजों की सूक्ष्मता से जांच करें और यदि कोरोना से मृत्यु हुई हो तो मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का लाभ प्रदान करें। ऐसा नहीं होने पर दोबारा याचिका दायर की गई।
Posted By: Jitendra Richhariya
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