जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेलवे की 70 फीसदी आय, माल की ढुलाई से होती है, लेकिन शहर और गांव में सड़कें सुधरने के बाद उसकी आय में कमी आई है। ज्यादातर व्यापारी, अपना माल, ट्रेन की बजाए सड़क परिवहन से ले जा रहे हैं। रेलवे ने माल ढुलाई से आय बढ़ाने के लिए अब अपने काम करने का तरीके में कई बड़े बदलाव किए हैं। जहां एक ओर इंटरनेट मीडिया की मदद से व्यापारियों को उनके माल से जुड़ी हर जानकारी दी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर व्यापारी यूनिट बनाकर रेलवे व्यापारियों से सीधे संपर्क कर छोटे-छोटे माल की भी ढुलाई कर रहा है।

पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडल में इन दिनों वाट्सएप ग्रुप के जरिए व्यापारी को उनके माल की मिनट टू मिनट जानकारी मोबाइल पर दी जा रही है। इसका असर यह हुआ है कि पमरे ने दिसंबर माह में ही ढुलाई से चार करोड़ से ज्यादा की आय अर्जित की। अब जनवरी में भी आय का आंकड़ा करोड़ों पर पहुंचने जा रहा है।

धान और सोयाबीन की ढुलाई शुरू: रेलवे अब सीमेंट, पेट्रोल और कोयले की ढुलाई के साथ बड़े स्तर पर अनाज की ढुलाई कर रहा है। इसके तहत हरदा रेलवे स्टेशन से कानपुर के लिए एक रैक चना (ग्राम) की लोडिंग की गई। महिदपुर रोड स्टेशन से गांधीधाम और पूर्णिया स्टेशनों के लिए दो रेक सोया को ले जाया गया। निवार स्टेशन से आसनसोल के लिए एक रेक लाइम स्टोन की लोडिंग की। बागरातवा स्टेशन से अहमदाबाद मंडल के लिए दो रेक खाद्यान्न की लोडिंग की। इस दौरान व्यापारी को रेकों की ट्रेकिंग कर उनके माल की सटीक जानकारी दी जा रही है।

Posted By: Ravindra Suhane

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