जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। करीब दो महीना पहले प्रकाश में आए जमीन की धोखाधड़ी के मामले में पंजीयन विभाग और पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। पंजीयन विभाग की ओर से अब तक रजिस्ट्री को शून्य नहीं किया गया है। जबकि रजिस्ट्री की जो सत्यापित कापी सामने आई है, उसमें क्रय-विक्रय के दौरान मौजूद रहे गवाहों के फोटो ही नहीं हैं। जबकि फोटो आनलाइन उतारी जाती है। इसे लेकर पंजीयन विभाग ने आंतरिक तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसी तरह से पुलिस के पास भी दो महीने से शिकायत पड़ी है, लेकिन उसने अब तक एफआइआर भी दर्ज नहीं की। इस बीच जिला पंजीयन ने ठगी की शिकार महिला के बयान दर्ज किए और उसे एफआइआर कराने की समझाइश देते हुुए विदा कर दिया। बाबी खान एवं अन्य जालसाजों के हाथों ठगी गई गीता चौधरी ने प्रशासन, पुलिस और पंजीयन विभाग के अफसरों को कार्रवाई के लिए आवेदन दे रखा रहा है। उसका कहना है कि फर्जी विक्रेता और गवाह की मौजूदगी में रजिस्ट्री पंजीयन कार्यालय में हुई, इसलिए एफआइआर के लिए पंजीयन कार्यालय से भी पत्र जाना चाहिए और रजिस्ट्री को शून्य कराने की कार्रवाई भी वहीं से होना चाहिए।

पंजीयन विभाग का मतः

पंजीयन कार्यालय को हाे चुकी रजिस्ट्री को शून्य करने का अधिकार नहीं है। रजिस्ट्री-शून्य करने की कार्रवाई सिविल कोर्ट कर सकता है। इसके लिए भी पहले पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। डीआईजी पंजीयन प्रभाकर चतुर्वेदी ने बताया कि पुलिस की ओर से कुछ दस्तावेज मांगे गए थे, जो उसे उपलब्ध करा दिए गए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि शिकायत सही है, और इस मामले में पंजीयन विभाग से जो भी दस्तावेज मांगे जाएंगे वो उपलब्ध कराएगा।

भटक रही महिलाः

ठगी का शिकार हुई दिव्यांग महिला लगातार कार्यालय से कार्यालय भटक रही है लेकिन उसके हाथ खाली ही हैं। वहीं अपने साथ हुई फर्जीवाड़े के जरिए ठगी के बाद कार्रवाई नहीं होने से शासन के ऊपर से दिव्यांग महिला का विश्वास भी उठता जा रहा है।

Posted By: Jitendra Richhariya

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