जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर के व्यस्तम चौराहों में से एक घमापुर चौराहे से दिनभर में लाखों लोगों और हजारों वाहनों का आना-जाना होता है। शहर के सभी चौराहों का विकास लगभग हो गया है लेकिन विकास से अछूता घमापुर चौराहे का विकास आज तक नहीं हो पाया है। फिर भी यहां प्रशासन व्यवस्था सुधारने पहल करता रहता है। लेकिन प्रशासन की यही व्यवस्था अव्यवस्था का कारण बन रही है। विगत तीन दिनों से घमापुर चौराहे में यातायात पुलिस ने सुगम यातायात प्रबंधन के लिए ट्रैफिक सिग्नल चालू किए हैं लेकिन यह ट्रैफिक सिग्नल ही लोगों की समस्या का कारण बन रहा है। सिग्नल चालू होने के बाद से ही यहां अब जाम के हालात अधिक बन रहे हैं। सबसे ज्यादा घमापुर चौक से ब्यौहारबाग तक वाहनों की कतार लग जाती हैं जबकि भानतलैया की ओर वाले मार्ग में घमापुर चौक से आकांक्षा अस्पताल तक वाहनों की लंबी कतार यातायात सिग्नल के कारण लग रही है जिसके कारण अब स्थानीय व्यापारी और लोगों ने सिग्नल चालू करवाने के आदेश का विरोध जताते हुए इसे बंद करने की मांग की है। ज्ञात हो कि विगत माह भी यातायात पुलिस ने घमापुर चौक के यातायात सिग्नल चालू कर दिए थे जिसके बाद जाम और बढ़ने और समस्या बढ़ने पर इसे बंद कर दिया गया था लेकिन विभाग ने एक बार फिर ट्रायल के तौर पर इसे चालू कर दिया है।

सिग्नल बंद रहने में ही बेहतरी हैः

वाहन चालकों का कहना है कि घमापुर चौक का विकास जरूरी है। यहां जब तक सड़कें चौड़ी और सपाट नहीं होगी तब तक यहां ट्रैफिक सिग्नल का कोई औचित्य नहीं है। क्योंकि इसके चालू होने से जाम की स्थिति और बन जाती है। सबसे ज्यादा रेलवे स्टेशन जाने वालों को होती है जो कि जाम में फंसे रहते हैं और उनकी ट्रेन छूटने की संभावना बनी रहती है।

सिग्नल बंद होते ही सामान्य हो जाते हैं हालातः

घमापुर चौक पर सुबह 9 बजे से यातायात सिग्नल स्वतः चालू हो जाते हैं जो कि रात 10 बजे तक चालू रहते हैं। इस दौरान दोपहर 12 से 3 और फिर शाम 5 वजे से सात बजे तक आधा किलोमीटर से लंबी वाहनों की कतारें लग जाती हैं। लाल से हरा सिग्नल कब हो जाता है और हरा से कब लाल सिग्नल हो रहा है वाहन चालक जाम में खड़े होकर देखते रह जाते हैं लेकिन उनका वाहन आगे नहीं खिसक पाता।

Posted By: Jitendra Richhariya

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