जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश व उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति शहर में मनाया जा रहा है। इसके साथ ही शहर में रहने वाले दक्षिण भारतीय समाज के लोग भी सूर्योपासना के साथ नई फसल आने की खुशी में भी पोंगल उत्सव मना रहे हैं। सुबह से मकर संक्रांति व पोंगल उत्सव के रंग चारों ओर बिखरे नजर आ रहे हैं। नर्मदा तटों पर श्रद्धालु पहुंच कर स्नान कर रहे हैं। मान्यता है कि मकर संक्राति पर नर्मदा में स्नान करना शुभ होता है। इसके अलावा सुबह से खिचड़ी दान करने की परंपरा का निर्वहन भी हो रहा है।
उबटन कर किया स्नान :
संगीता वर्मा ने बताती हैं कि आज के दिन हम लोगों ने सुबह से तिल के उबटन से स्नान किया। साथ ही खिचड़ी के साथ तिल के लड्डू दान किए। प्रियांश शुक्ला सुबह-सुबह अपने परिवार के साथ ग्वारीघाट पहुंचे और नर्मदा स्नान किया। प्रियांश का कहना है कि मकर संक्रांति उत्सव के दिन घाट पर जाने की हमारे घर में बहुत पुरानी परंपरा है। इसलिए हम लोग मकर संक्राति पर हर वर्ष ग्वारीघाट जाते हैं। आकांक्षा ठाकुर ने बताया कि उनके घर में आज खिचड़ी के साथ तहरी बनाने का रिवाज है। आज के दिन खिचड़ी खाना जरूरी होता है।
सूर्य को अर्पित किया प्रसाद : दक्षिण भारतीय संघ के सदस्य भी सूर्योदय के साथ ही पोंगल उत्सव मना रहे हैं। नए बर्तन में दूध, चावल-गुड़ के साथ पोंगल का प्रसाद बनाकर सूर्य को अर्पित किया गया। इसके बाद सभी ने एक-दूसर को पोंगल की शुभकामनाएं दीं। कामना मुदलियार ने बताया पोंगल का उत्सव हम लोग परिवार के साथ मिलकर मना रहे हैं। सुबह जल्दी उठकर हम लोगों ने सूर्य का पूजन किया। पोंगल का प्रसाद बनाया। इस दिन तमिल समाज के घरों में कोशिश रहती है कि पूरा परिवार साथ में मिलकर खाना खाए। कई पारंपरिक व्यंजन बनाए जा रहे हैं। जिससे त्योहार का उत्सव दोगुना हो गया है।
Posted By: Brajesh Shukla
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