बरवेट (नईदुनिया न्यूज)। अंचल में रविवार से मानसून की दस्तक के साथ झमाझम वर्षा का दौर जारी है। इससे हाइब्रिड सब्जियों के उत्पादक किसानों की सारी चिंताएं दूर हो गई हैं। किसानों अपने खेतों में हाइब्रिड टमाटर-मिर्च के पौधे की रोपाई में लग गए हैं।
ग्राम बरवेट के उन्नात किसान झमकलाल पुत्र शंभूलाल पटेल का कहना है कि अबकी बार मानसून की लेट होने से पौधे की रोपाई लेट हो गई है। एक माह पहले से क्षेत्र के किसान आधुनिक विधि से खेती करने की तैयारी में लग गए थे। यहां के आदिवासी बहुल युवा किसान सब्जियों की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विज्ञानी विधि से खेतों को तैयार किया है। इसके लिए किसानों ने एक माह पहले ही ड्रिप मल्चिंग चढ़ाकर खेत तैयार कर लिए थे। क्षेत्र के लघु किसान हाइब्रिड खेती में हाथ आजमा रहे हैं, वे भी आधुनिक विधि से खेती कर रहे हैं।
उद्यानिकी विभाग का सहयोग
सदियों से भारत कृषि प्रधान देश रहा है। यहां किसानों कि रुचि प्रमुख रूप से गेहूं, चावल, सरसों, दाल, गन्नाा आदि पारंपरिक फसलों को उगाने की रही है। लेकिन, अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़ते हुए जिले के आदिवासी किसानों ने हाइब्रिड खेती को अपनाना शुरू कर दिया है। इससे कम मेहनत से फसल ज्यादा हो रही है और पूर्व के मुकाबले किसानों की आमदनी बढ़ी है। खेती का घटता रकबा और बढ़ती महंगाई से हाइब्रिड खेती को बढ़ावा मिल रहा है।
यह बोले अधिकारी
जिले में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक अजय चौहान ने बताया कि हाइब्रिड खेती की शुरुआत दो तीन दशक पहले कुछ दर्जन किसानों से हुई थी। उसके बाद निरंतर हाइब्रिड खेती करने वाले किसानों की संख्या तेजी से बढ़कर 27 हजार 800 के लगभग है, जो कि हाइब्रिड ओर मसाले की खेती का रकबा 10 हजार 697 हेक्टेयर के लगभग पहुंच गया है।
इन सब्जियों का होता है उत्पादन
उद्यानिकी विभाग के एसडीओ सुरेश इनवाती ने बताया कि यहां के खेती करने वाले जिले के किसान प्रमुख रूप से टमाटर, मिर्च, शिमला, काली पीली, हरी, पत्ता गोभी, फूल गोभी, भिंडी, करेला, भट्टा, धनिया गिलकी, तिरोई, हल्दी, अदरक लहसुन, प्याज और लौकी की फसल उगा रहे हैं।
Posted By: Nai Dunia News Network
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