जामली (नईदुनिया प्रतिनिधि)। माही किनारे की ग्राम पंचायतों को धार जिले से जोड़ने वाला कच्चा रास्ता और माही नदी पर बनी रपट बेहद ही जर्जर हालत में है। वर्षा के समय वाहनों के आवागमन में जर्जर पुल पर से गुजरने पर सफर जोखिम भरा हो जाता है।
दरअसल, पेटलावद की ग्राम पंचायत भील कोट.डा के अंतर्गत नरसिंहपुरा खे.डा फलिया से कचनारिया के राजघाट माही रपट के निर्माण की मांग कई वर्षों से चल रही है। परंतु आज तक यह पूर्ण ना हो सकी। माही नदी पर बने रपटे पर वर्षा के समय आवागमन बहुत ही खतरनाक हो जाता है। जर्जर पुल के साथ कच्ची सड़क भी वर्षा में कीच.ड से लबरेज हो जाती है। ग्राम पंचायत देवली से कास्याखाली के बाद कच्ची सड़क पर वर्षा में आवागमन थम जाता है। गौरतलब है कि यह सीधा रास्ता पांच से सात किलोमीटर में माही नदी को पार कर राजोद क्षेत्र में पहुंचता है। वहीं, इस बीच राहगीरों को जर्जर पुल से गुजरना पड़ता है। वही क्षतिग्रस्त रपटे पर दुर्घटना का भय भी बना रहता है। अभी पिछले सप्ताह ट्रैक्टर-ट्राली अनियंत्रित हो पलट गए।इसमें चालक ने कूदकर जान बचाई थी। इसके पूर्व भी वर्षा के समय इस स्थान पर छोटी-मोटी कई दुर्घटनाएं हुई हैं। चूंकि अब फिर वर्षा का मौसम आ गया है, ऐसे में माही के रपटे पर गुजरना मुश्किल हो जाएगा। वर्षा के पूर्व से ही शासन-प्रशासन से आसपास 20 पंचायतों के नागरिक मांग रख चुकेहैं, परंतु अब तक पुल निर्माण की दिशा में गतिविधि आगे नहीं बढ़ी।
वर्षा के समय रपट पर आता है पानी
राजोद पहुंच मार्ग का सीधा रास्ता 15 से 20 पंचायतों के ग्रामीणों के लिए रोजी रोटी देने वाला रास्ता है। दरअसल, इस रास्ते से लोग धार के कानवन, राजोद, कोद, बि.डवाल पहुंचते हैं। क्षेत्र के कई लोग उक्त स्थानों पर खेती किसानी कार्य, मजदूरी करने के साथ-साथ अन्य कार्यों के लिए भी सीधे रास्ते से पहुंचते हैं। लेकिन हर बार वर्षा के समय रपटे पर पानी बहता है। कच्चा रास्ता कीचड़ के चलते चलने लायक नहीं रहता। ऐसे में सैक.डों मजदूर भी परेशान होते हैं। खासकर वर्षा के समय ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
एसडीओ, पीडब्ल्यूडी विभाग रेशम गामड़ का कहना है कि मांग के आधार पर प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति के लिए भेजेंगे।
Posted By: Nai Dunia News Network