पेटलावद (नईदुनिया न्यूज)। जीवनदायिनी माही नदी पर बने डैम का पानी नहरों के माध्यम से जैसे ही किसानों के खेतों तक पहुंचा, उनकी खुशियों को ठिकाना नहीं रहा। इस बार माही नहर से सिंचाई करते हुए रबी की बोवनी का रकबा भी लगभग दोगुना हो जाएगा। माही और जल संसाधन विभाग की नहरों से लगभग 26 हजार से अधिक हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य हैं।
बोवनी कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। जहां पर बोवनी पहले हो चुकी थी वहां पर सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता महसूस होने लगी थी। माही की नहर शुरू होने से किसानों में खासा उत्साह नहर आया। इस वर्ष 26 हजार 219 हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य हैं जिसमें से 19 हजार हेक्टेयर में केवल गेहूं की बुआई का लक्ष्य हैं। कृषि प्रधान क्षेत्र होने के कारण प्रशासन ने भी किसानों को सिंचाई के लिए सारे तालाबों से पानी उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली हैं। किसानों की मांग पर नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा। जल संसाधन विभाग के अनुसार 77 तालाबों से सिंचाई की तैयारी की गई हैं।
किसानों की मांग पर छोड़ा पानी
माही परियोजना एसडीओ धीरेंद्र जामोद का कहना है कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा हैं। समय-समय पर सिंचाई के लिए तीन से चार बार पानी दिया जाएगा। किसानों को चाहिए कि नहरों से छोड़े जाने वाले पानी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। पानी को व्यर्थ बहने से बचाएं।
Posted By: Nai Dunia News Network
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