Water Crisis in Jhabua: निर्भयसिंह ठाकुर, पिटोल, झाबुआ। इन दिनों पिटोल के आस-पास के आधा दर्जन से अधिक गांव जल समस्या से जूझ रहे हैं। जल स्रोतों ने दम तोड़ दिया तो हैंडपंपों में पानी नीचे चला गया है। बंद पड़े हैंडपंपों में पाइप डालने के लिए ठेकेदार ने पाइप बाहर निकाले तो वे पिछले आठ दिनों से बाहर पड़े हैं। इस एक ही हैंडपंप पर 50 परिवार निर्भर हैं। वे हर रोज इंतजार कर रहे हैं कि हैंडपंप को दुरुस्त करने के लिए दल आएगा, मगर कोई पलट कर आ ही नहीं रहा है।
पिटोल के माल फलिये के रहवासी पिछले आठ दिनों से दो से तीन किमी दूर से पानी लाकर अपने परिवार की प्यास बुझा रहे है। दिव्यांग मल्ला भाई नें बताया कि आठ दिन से ठेकेदार ने पाइप बढ़ाने के लिये बाहर निकाले हैं पर अब तक वापस नहीं लौटा। ऐसे ही हालात समीपस्थ ग्राम खेडी, कालाखुंट, कालिया, भीमफलिया, मोद, छोटी पिटोल व पिटोल में बने हुए हैं।
पिटोल में ग्रामीण पीने का पानी खरीदकर पी रहे हैं। गरीब व निचले तबके की महिलाएं कुओं व अन्य जल स्रोतों पर अपने दिन का अधिकतम समय लगा कर पानी अपने सिर पर रखकर लाती है। तेज तपन के बीच पानी की यह जद्दोजहद व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है कि पानी जैसी मूलभूत जरूरत की पुर्ति भी तंत्र नहीं कर पा रहा है, जबकि करोड़ों रुपये की लागत से जमीन पर उतरी हुई है। योजनाएं प्यासे कंठ तर नहीं कर पा रही है।
राष्ट्रीय पक्षी संकट में
क्षेत्र में तालाब सूख चुके हैं। नदियों में पानी नहीं है। ऐसे में हैंडपंप ही पानी के लिये सहारा बचे हैं। क्षेत्र में बडी संख्या में मोर विचरण कर रहे हे जिन्हें अब आदिवासी भी सुरक्षा देने लगे है किंतु उन्हें पानी नहीं मिल रहा है। माना भाई गुंडिया नें बताया कि जिन हैंडपंपों में पानी है, उनके समीप भरे पानी से ये राष्ट्रीय पक्षी अपनी प्यास बुझा रहे हैं। यदि इन हैंडपंपो पर ध्यान नहीं दिया गया और ये भी बंद हो गए तो बड़ी संख्या में होने वाली मोरों की मौत को नहीं बचाया जा सकता।
पिटोल के यह हालात
- 12 से अधिक गांव में भीषण जल संकट
- 2 से 3 किमी तक पानी लेने जाना पड़ रहा
- 8 दिन तक पाइप ही नहीं बढ़ाए जा रहे 5-7 घंटे हर दिन लग रहे पानी की जुगाड़ में
फैक्ट फाइल
- 50 से 60 मीटर पानी नीचे गया
- 13,600 कुल हैंडपंप जिले में
- 781 गांव जिले में
- 15 प्रतिशत तक हैंडपंप हो गए बंद
- 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान
यह है दिक्कत
जल स्तर नीचे जाने से हैंडपंप होते जा रहे बंद पाइप नहीं बढ़ाए जा रहे बगैर किसी ठोस योजना के चल रही व्यवस्था ग्रामीणों की नहीं हो रही सुनवाई।
जल स्तर गिर रहा है
पीचई के कार्यपालन यंत्री जितेंद्र मावी ने बताया कि गर्मी के कारण जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। ऐसे में हैंडपंप बंद होते जा रहे हैं।
Posted By: Prashant Pandey
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