खंडवा, नईदुनिया प्रतिनिधि। गुना में वन प्राणियों की तरह खंडवा जिले में वन संपदा व प्राणी सुरक्षित नहीं है। वन मंत्री का गृह जिला होने के बाद भी यहां वनमाफियों के हौसले इतने बुलंद है कि वनकर्मी बगैर पुलिस फोर्स के इस क्षेत्र में कार्रवाई तो दूर जंगल में अंदर तक घुसने की हिम्मत नहीं जुटा पाते है। मानसून के पहले जंगलों में कब्जे के लिए वनमाफिया व अतिक्रमणकारी फिर सक्रिय हो गए है। जंगलों में खेती के लिए जमीन तैयार कर बारिश होते ही बाहर के जिलों से झुंड के रूप में आकर फसलों की बुआई का सिलसिला फिर शुरू हो जाएगा। हथियारों से लैस इन संगठित गिरोह से मुकाबला निहत्थे वनकर्मियों की कार्रवाई औपचारिकता तक सिमट कर रह जाती है। साल दर साल वन भूमि पर कब्जा बढ़ता जा रहा है लेकिन वन विभाग के पास न कोई पुख्ता कार्ययोजना है और ना ही वनमाफियाओं से निपटने के लिए वनकर्मियों के पास हथियार और अधिकार।
खंडवा वन मंडल के गुडी वन परिक्षेत्र में आसपास के जिलों से आकर पेड़ों को धराशायी कर सैकड़ों 60 एकड से अधिक वनभूमि पर कब्जा हो चुका है। इन्हे बेदखल करने के दौरान हुए वनमाफियाओं के हमले में कई बार वनकर्मी घायल हो चुके है। इतना ही नहीं जंगल की सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र में प्रस्तावित वन चौकी का निर्माण भी वन विभाग नहीं कर पा रहा है। सीताबेडी बीट में अतिक्रमणकारी चार-पांच बार धावा बाेलकर निर्माणाधीन चौकी के भवन को तोड कर निर्माण सामग्री को क्षति पहुंचा चुके है।
गुडी वन परिक्षेत्र के वनग्राम आमा खुजरी से करीब दो किलोमीटर दूर जंगल में पिछले दो साल में सैकड़ों सागवान और अन्य पेड़ों को अतिक्रमणकारी धराशायी कर वनभूमि पर खेती के लिए संगठित रूप से कब्जा कर चुके है। जंगल की जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में पेड़ कट चुके हैं लेकिन वन विभाग द्वारा पुख्ता कार्रवाई नहीं किए जाने से वन माफियाओं के हौसले बुलंद हो गए।
गुडी वन परिक्षेत्र में जंगल की तबाही से वन मंत्री विजय शाह भी वाकिफ है। वे स्वयं भी जगंल में जाकर अतिक्रमणकारियों को समझाईश और चेतावनी दे चुके है। इसके बाद भी हालात जस के तस बने हुए है। इसी तरह खालवा वनपरिक्षेत्र में हरदा और बैतूल जिलों से लगे सघन जंगलों में वन्य प्राणी बड़ी संख्या में होने से इनके शिकार की पूर्व में कई घटना सामने आ चुकी है।
गुड़ी वन परिक्षेत्र के बोरखेड़ा सर्कल में पेड़ों की कटाई से लेकर अतिक्रमण तक के मामले एक वर्ष से सुर्खियों में है। गत वर्ष भी वनग्राम आमा खुजरी में करीब 65 एकड़ में लगे पेड़ काटअतिक्रमणकारियों ने लगभग 10 एकड़ वनभूमि पर फसल लगा दी थी। वहीं तारफेंसिंग भी अतिक्रमणकारी उखाड़कर फेंक दी थी। कंटूर खुदवाने पहुंचे वनअमले कर अतिक्रमणकारियों ने गोफन के पत्थरों से हमला कर दिया था जिसमें दस वनकर्मी घायल हुए थे। प्रकरण दर्ज करवाने के बाद भी पुख्ता कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों और वन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
जंगल की कटाई और वन भूमि पर ब़ड़ी संख्या में कब्जा होने की सुर्खियों के बाद वन विभाग द्वारा प्रशासन से पुलिस फोर्स की मांग कर एक- दो बार कुछ क्षेत्रों में वनभूमि को कब्जा मुक्त करने की कार्रवाई की गई। वहीं कुछ ज्ञात और अज्ञात लोगों पर प्रकरण दर्ज कर दस्तावेजी औपचारिकता निभा दी गई। वनकर्मियों पर हमला करने और वनों को नुकसान पहुंचाने के कई मामलों में अधिकांश आरोपितों की गिरफ्तार भी नहीं हो सकी है। वहीं जो गिरफ्तार होने वालों को वन कानून की कमजोरी से जमानत आसानी से मिलने जाने से उनके मन में कानून का भी भय नहीं बचा है।
आठ माह में भी नहीं बन सकी वन चौकी
अतिक्रमणकारियों के हौसले और प्रभाव का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता हैे कि गुडी वनपरिक्षेत्र की सीताबेड़ी बीट में आठ माह से वन विभाग वन चौकी निर्माण का प्रयास कर रहा है। लेकिन वनमाफिया इसे बार-बार तोड़ने और हमला करने से चौकी का निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है।
हथियार है पर चला नही सकते
वन और वन्य प्राणीयों की सुरक्षा के लिए वन मंत्री विजय शाह द्वारा करीब छह माह पूर्व वन अमले को आधुनिक हथियारों से लैस करने उन्हे हथियार चलाने का अधिकार और प्रशिक्षण तथा जंगलों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे नाइट विजन वाले, वनकर्मियों का सुरक्षा किट,वनमाफियाओं से मुकाबले के लिए आश्रु गैस आदि संसाधन मुहैया करवाने की बात कही थी। इसके बाद खंडवा वन वृत अंतर्गत रेंजरो को रिवाल्वर उपलब्ध करवाई गई है। जो केवल कमर में लटका कर घुमने के अलावा और किसी काम की नहीं है। वन गार्ड को रायफल देेने का भी प्रस्ताव है। जो वन मुख्यालय पर विचाराधीन है।
जंगलों में सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। गुडी वन परिक्षेत्र में सशस्त्र बल की तैनाती के अलावा उत्पादन वनमंडल के कर्मचारियों को भी जंगल ड्यूटी पर लगाया जा रहा हैं। पेड़ों की कटाई और वन भूमि पर अवैध रूप से खेती करने वालों को रोकने के लिए जिला टास्क फोर्स की मदद से प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। वनकर्मियों को रायफल उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है। जहां जरूरत होगी पुलिस व सशस्त्र बल के साथ संयुक्त रूप से कार्रवाई की जाएगी। सीताबेड़ी बीट में वनचौकी का निर्माण भी जल्द पूरा किया जाएगा। - दीवाशु शेखर, डीएफओ सामान्य वनमंडल खंडवा
Posted By: Prashant Pandey