खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। अरे भैया, यहां बाइक क्यों लगा रहे हो, देख नहीं रहे सड़क से निकलने वालों को परेशानी हो रही है, जरा हमें निकल जाने दीजिए...। चलो आप ही बता दो अपनी बाइक कहां खड़ी करू? पार्किंग नहीं है तो सड़क पर ही वाहन खड़े करने पड़ेंगे ना। बहुत रास्ता है आप अपनी गाड़ी निकाल सकते हो।
सत्यनारायण मंदिर से बुधवारा बाजार की ओर जाने वाले मार्ग पर रविवार को वाहन चालकों के बीच कुछ इसी तरह की बहस होती रही। सड़क पर बाइक खड़ी कर खरीदारी के लिए जाने वालों पर जब यहां से गुजरने वाले राहगीरों ने नाराजगी जताई तो उन्होंने भी दो टूक शब्दों में कह दिया कि पार्किंग की व्यवस्था होती तो हम सड़क पर अपने वाहन खड़े नहीं करते। इस क्षेत्र में सड़क पर वाहनों की पार्किंग की वजह से हर दस मिनट में जाम की स्थिति बनती रही। यहां वाहन चालकों और राहगीरों के बीच वाद-विवाद की स्थिति आम हो गई है।
बुधवारा बाजार की अन्य गलियों की भी यही हालत है। दुकानों के बाहर व्यवसायियों ने अतिक्रमण फैला रखा है। ऐसे में आवागमन को लेकर राहगीरों की तो परेशानी है ही वहीं दूसरी ओर वाहनों को सुरक्षित जगह पर खड़ी करने वालों की अपनी अलग समस्या है। सड़क पर वाहनों की पार्किंग के नजारे केवल बुधवारा बाजार ही नहीं शहर के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिल जाएंगे।
जिला अस्पताल से पड़ावा की ओर जाने वाले मार्ग पर भी लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यहां रोड के बीच डिवाइडर लगा है। हनुमान मंदिर के सामने सड़क पर ही वाहन खड़े किए जा रहे हैं। इसी तरह की स्थिति सड़क के दूसरे हिस्से में भी है। यहां एक निजी अस्पताल है, जहां आने वाले मरीज और उनके स्वजन के वाहन भी सड़क तक पार्क हो रहे हैं। इंदौर रोड होने की वजह से यह मार्ग सबसे ज्यादा व्यस्तत रहता है। बावजूद इसके यहां व्यवस्था में सुधार को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा है। मधुसूदन टावर गली, केवलराम चौराहा, बाम्बे बाजार, टाउनहाल क्षेत्र, शिवाजी चौक गली सहित ऐसे कई मुख्य मार्ग हैं जहां सड़कों पर वाहनों की पार्किंग आम हो गई है। इस तरह की स्थिति से इन मार्गों पर आए दिन जाम लगता रहता है।
दो पार्किंग स्थल बनाए, काम ना आएः नगर निगम ने शहर में दो पार्किंग स्थल बनाए हैं लेकिन यह कुछ खास काम में नहीं आ रहे हैं। सिनेमा चौक स्थित दाधिच पार्क को तोड़ने के बाद यहां पार्किंग स्थल बनाया गया था। इस पार्किंग स्थल पर कार और अन्य चार पहिया वाहनों की पार्किंग तो हो रही है लेकिन दो पहिया वाहनों को यहां पार्किंग में लगाने पर जोर नहीं दिया जा रहा है, जबकि बुधवारा बाजार क्षेत्र के दो पहिया वाहनों की पार्किंग यहां कराई जा सकती है। इस दिशा में किसी तरह के प्रयास ना तो नगर निगम द्वारा किए गए ना ही ट्रैफिक पुलिस ने कोई कदम उठाया है। इसी तरह फूलमाला गली से फूल विक्रेताओं की दुकानें हटाकर यहां पार्किंग स्थल बनाया गया है। इस क्षेत्र में भी राहगीरों के वाहनों की पार्किंग होने की बजाए दुकानदारों द्वारा अपने वाहन स्थायी रूप से खड़े किए जा रहे हैं।
अस्थायी अतिक्रमण और ठेले पार्किंग में बाधक
डा. संजय श्रीवास्तव का कहना है कि मुख्य मार्गों से जब तक ठेले और अस्थायी अतिक्रमण नहीं हटेगा वाहनों के पार्किंग की समस्या बनी रहेगी। किसी भी शहर में फुटपाथ पर ठेले खड़े करने की प्रथा नहीं है। ठेलों की वजह से ना तो कार और ना ही टू-व्हीलर पार्किंग के लिए स्थान मिल पाता है। अस्थायी अतिक्रमण हटना चाहिए।
अधिवक्ता देवेंद्र यादव का कहना है कि वाहनों की पार्किंग व्यवस्था को लेकर शासन-प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। दधिच पार्क की जगह सही तरीके से उपयोग में नहीं लाई जा रही है। फूलगली के पार्किंग स्थल के भी यही हाल हैं। स्थलों का चयन करने के साथ ही पार्किंग व्यवस्था को अमल में लाना भी जरूरी है।
साहित्यकार संतोष चौरे का कहना है कि नगर निगम को शहर में पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए। बाजार में कहीं भी टू-व्हीलर पार्किंग के लिए जगह ढूंढनी पड़ती है। लोगों को मजबूरी में सड़क पर ही वाहनों की पार्किंग करनी पड़ती है। पार्किंग स्थल निर्धारित हो जाएं तो समस्या का निदान हो सकता है।
अभिकर्ता अमित सोनी वाहनों की पार्किंग को लेकर शहर में बड़ी समस्या है। पार्किंग की जगह नहीं होने के कारण लोग सड़क पर वाहन खड़े कर देते हैं। ट्रैफिक पुलिस भी यदि चालान बनाती है तो उनके निशाने पर दो पहिया वाहन चालक ही रहते हैं। घंटाघर, केवलराम चौराहा सहित अन्य अलग-अलग क्षेत्रों में पार्किंग स्थल बनना चाहिए।
Posted By: Nai Dunia News Network