MP Weather News: खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मौसम की गड़बड़ी ने एक बार फिर किसानों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में किसान कोई जोखिम उठाना नहीं चाह रहे हैं। यही कारण है कि अधिकांश किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का इंतजार नहीं करते हुए खेतों से गेहूं काटकर सीधे मंडी में बेचने के लिए ला रहे हैं। बुधवार को मंडी में 18 हजार क्विंटल गेहूं की आवक हुई। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी दस दिन बाद यानि 25 मार्च से शुरू होगी लेकिन इससे पहले ही अधिकांश किसान मंडी में अपनी उपज बेच रहे हैं। इसका मुख्य कारण पिछले कुछ दिनों से मौसम में आ रहे उतार-चढ़ाव को माना जा रहा है।
वर्षा हुई तो मेहनत पर फिर जाएगा पानी
स्थिति यह है कि समर्थन मूल्य पर गेहूं का पंजीयन कराने वाले किसानों को मजबूरी में मंडी में अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। करीब दो दिन से आसमान में बादल छा रहे हैं। किसानों को चिंता है कि यदि वर्षा हुई तो उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। कुछ दिनों पूर्व हुई वर्षा से जिले के कई किसानों के खेतों में कटे हुए गेहूं भीग गए थे। इसी वजह से अब किसान किसी तरह की रिस्क नहीं लेना चाह रहे हैं। मौसम की खराबी के चलते खेतों में ताबड़तोड़ हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई कराई जा रही है। गेहूं के भंडारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान सीधे मंडी में उपज बेचने के लिए आ रहे हैं। मंडी में बुधवार को गेहूं की भरपूर आवक रही।
निर्यात पर रोक से उपज के भाव भी कम मिल रहे हैं
सुबह से शाम तक मंडी के शेड में वाहनों की कतार लगी रही। एक दिन पहले से उपज बेचने के लिए मंडी में आए किसानों का गेहूं दोपहर तक नीलाम हुआ। अच्छी क्वालिटी का गेहूं मंडी में उच्चतम 2197 रुपये क्विंटल बिका। जबकि न्यूनतम भाव 1701 रुपये तथा माडल भाव 2051 रुपये क्विंटल तक रहा। विदित हो कि सरकार ने गेहूं की समर्थन मूल्य 2125 रुपये तय किया है। हालांकि गेहूं की खरीदी अभी शुरू नहीं हुई है। 25 मार्च से सरकार द्वारा गेहूं की खरीदी किए जाएगी। इधर किसानों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दिए जाने के कारण उपज के भाव कम मिल रहे हैं।
किसान बोले, मजबूरी में बेच रहे हैं गेहूं
- ग्राम बावड़िया काजी के किसान पवन साध ने कहा कि मैंने सरकार को गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है लेकिन अब तक समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू नहीं हुई है। एक फिर वर्षा का मौसम बन रहा है। इसलिए हार्वेस्टर से गेहूं कटवा रहा हूं। भंडारण की व्यवस्था नहीं है इसलिए मंडी में ही गेहूं बेचना पड़ेगा।
- ग्राम पांगरा के गुलाब पटेल ने कहा कि मैंने अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचने का मन बनाया था लेकिन मजबूरी में उपज मंडी में कम भाव में बेचनी पड़ी। इसकी मुख्य वजह मौसम की गड़बड़ी है। यदि वर्षा में गेहूं भीग जाता तो नुकसान उठाना पड़ सकता था।
- ग्राम पोखर के सुंदर पटेल ने कहा कि गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपये क्विंटल है। जबकि मंडी में किसानों का गेहूं इससे कम कीमत में खरीदा जा रहा है। 25 मार्च तक कौन इंतजार करेगा। मौसम का मिजाज ठीक नहीं है इसलिए हमने गेहूं बेच दिया।
- ग्राम खैगांव के त्रिलोक पटेल ने कहा कि मैंने भी इस साल समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया था लेकिन खरीदी अब तक शुरू नहीं हुई। रुपयों की आवश्यकता के कारण उपज बेचनी पड़ी।
मौसम की खराबी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसान नहीं चाहते कि उपज खराब होने के बाद उन्हें नुकसान उठाना पड़े। इसीलिए समर्थन मूल्य की खरीदी शुरू होने से पहले मंडी में ही उपज बेच रहे हैं। हम मांग कर रहे हैं कि किसानों को एक हजार रुपये क्विंटल का बोना गेहूं पर दिया जाए। इस मांग को लेकर 17 मार्च को कलेक्टोरेट में धरना दिया जाएगा। - सुभाष पटेल, उपाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ
Posted By: Prashant Pandey