Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana: खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) का लाभ नहीं मिलने से परेशान महिला को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने राहत दी है। आयोग ने द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (The New India Assurance) की सेवा में कमी पाते हुए आदेश दिया कि वे महिला को एक लाख रुपये बीमे की राशि प्रदान करें। बीमा कंपनी को छह प्रतिशत ब्याज की दर से यह राशि अदा करना होगी। मंगलवार को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने यह फैसला दिया है।
बैंक के माध्यम से भरती थी प्रीमियम
परिवादी के अधिवक्ता देवेंद्र सिंह यादव ने बताया कि वैकुंठ नगर निवासी गीता पत्नी शैलेश झवेरी जसवाड़ी रोड स्थित ग्रामीण बैंक में खाता है। वे अपने बचत खाते से प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 12 रुपये की प्रीमियम सीधे ग्रुप इंश्योरेंस (Group Insurance) करने वाली कंपनी द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को बैंक के माध्यम से प्रीमियम अदा करती थी।
उपरोक्त पालिसी के अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसे दो लाख रुपये और शरीर का एक हाथ, एक पैर, एक आंख और शरीर का कोई एक भाग नष्ट हो जाने पर एक लाख के बीमा लाभ का प्रविधान है।
स्पीड ब्रेकर पर उछल गई थी बाइक
तीन नवंबर 2019 को गीता अपने पति शैलेष के साथ मोटर साइकिल से सुबह नागचुन तरफ से वैकुंठ नगर स्थित अपने घर आ रही थी। इस बीच स्पीड ब्रेकर से बाइक उछलकर असंतुलित हो गई। इस दुर्घटना में गीता के सिर, नाक और कान पर गंभीर चोट लगी थी। करीब दो माह तक उनका उपचार चला। इस हादसे में उनका एक पैर, हाथ, आंख पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया और बोलने की शक्ति भी खत्म हो गई। इसके साथ ही दाहिनी आंख भी प्रभावित हुई। इसके बाद बैंक और बीमा कंपनी से उपरोक्त वार्षिक 12 रुपये की प्रीमियम वाली प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना के तहत जब बीमा क्लेम प्रस्तुत किया था।
बीमा कंपनी ने कहा कि योजना में आवेदन का पात्र नहीं है
बीमा कंपनी (Insurance Company) ने यह कहते हुए दावा निरस्त कर दिया कि उक्त योजना के अंतर्गत आवेदन का पात्र नहीं है। उसके शरीर की 100 प्रतिशत क्षति नहीं हुई है। इसके बाद आवेदिका गीता की ओर से उसके पति शैलेष झवेरी ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष याचिका प्रस्तुत की। इस मामले की सुनवाई के दौरान बीमा कंपनी की ओर से उक्त प्रकरण का विरोध कर परिवादिनी को उक्त बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने का हकदार नहीं बताया।
30 दिन के अंदर देना होगी राशि
आयोग द्वारा संपूर्ण प्रकरण परिवादी की मेडिकल हिस्ट्री बीमा पालिसी (Insurance Policy) के नियमों का अवलोकन किया गया। इसके पश्चात आयोग अध्यक्ष जेपी सिंह और सदस्य अंजलि जैन द्वारा स्वीकार करते हुए बीमा कंपनी को निर्देशित किया है कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत देय बीमा राशि एक लाख का भुगतान आवेदिका को करें। इसे आदेश के 30 दिन के भीतर आवेदिका को देना होगा। इसके साथ ही उसे छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा। इसी प्रकार से परिवादी को हुई मानसिक संत्रास की प्रतिपूर्ति और वाद व्यय के रूप में तीन हजार भी देने के लिए आदेश किया है।
Posted By: Prashant Pandey
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