Rain in MP: खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। खंडवा जिले में लगातार दो दिनों से हो रही आफत की वर्षा ने किसानों की फसलों के साथ ही आखें भी भिगो दी हैं। कहीं ओलावृष्टि से तरबूत की फसल बर्बाद हो गई है तो कहीं तेज वर्षा ने खेतों में काटकर रखी गई गेहूं की फसल पर पानी फेर दिया। प्याज को भी भारी नुकसान पहुंचा है। जिले में करीब 800 एकड़ में तरबूज और 200 एकड़ में प्याज की फसल नष्ट होने का अनुमान लगाया जा रहा है। राजस्व और उद्यानिकी विभाग की टीम खेतों में सर्वे करके नष्ट हुई फसलों का आंकलन करने में जुट गई है।रविवार को सुबह से मौसम साफ होने के साथ ही तेज धूप भी रही लेकिन दोपहर को अचानक मौसम फिर बदल गया। आसमान में घने बादल छा गए और कुछ ही देर में वर्षा होने लगी। शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तेज वर्षा हुई।

दलों ने किया सर्वे

ग्राम रोहिणी में ओलावृष्टि हुई। दो दिन से हो रही तेज वर्षा और ओलावृष्टि ने किसानों के लिए आफत खड़ी कर दी है। रविवार को अवकाश के बावजूद उद्यानिकी विभाग की टीम ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों का सर्वे करने के लिए निकली। हर विकासखंड में तीन-तीन कर्मचारियों के दलों ने सर्वे किया। उद्यानिकी अधिकारी राजू बड़वाहे भी खेतों में स्थिति देखने के लिए पहुंचे। सर्वे के दौरान ग्राम सहेजला में करीब 150 एकड़ में लगी तरबूज की फसल नष्ट होना सामने आया है। इसी तरह ग्राम मांडला में भी ओलावृष्टि के कारण सौ एकड़ और ग्राम पिपलकोटा में भी करीब 50 एकड़ में तरबूज की फसल बर्बाद हुई है।

फसलों का सर्वे शुरू हो गया

सहेजला, मांडला पिपलकोटा, सुरगांव बंजारी, दुधवास, खैगांव, चिचलीखुर्द में लगभग 200 एकड़ में प्याज की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। जबकि 800 एकड़ में तरबूज की फसल को नुकसान पहुंचा है। विदित हो कि सहेजला, मांडला, पिपलकोटा, सुरगांव बंजारी में वर्षा के साथ ओलावृष्टि भी हुई थी। शनिवार को निमाड़ संयुक्त कृषक संगठन द्वारा कलेक्टर को ओलावृष्टि से खराब फसलों का सर्वे कराने का आग्रह किया गया था। इसके बाद दूसरे दिन रविवार से फसलों का सर्वे शुरू हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे के दौरान निमाड़ संयुक्त कृषक संगठन के तहसील अध्यक्ष रविंद्र पाटीदार, युवा वाहिनी संयोजक चंदन सिंह चंदेल, तहसील उपाध्यक्ष रघुवीर सिंह मंडलोई, तहसील सदस्य रामपाल सिंह पटेल भी उपस्थित रहे।

गेहूं की चमक पड़ेगी फीकी

उद्यानिकी विभाग के अलावा राजस्व की टीम ने भी खेतों में नुकसानी का आंकलन देखा। कृषि उपसंचालक केसी वास्केल भी खेतों में निरीक्षण के लिए पहुंचे। उन्होंने बताया कि जिले में करीब 80 फीसद किसानों का गेहूं कट चुका है। 20 फीसद किसान ऐसे हैं जिन्होंने मौसम को देखते हुए फसल नहीं काटी है। खेतों में काटकर रखी गई गेहूं की फसल यदि वर्षा में भीगी है तो गेहूं की चमक फीकी पड़ने का अंदेशा रहेगा। वास्केल के अनुसार चने की फसल लगभग 99 फीसद किसानों ने काट ली है।

तीन पुलिया से आवागमन हुआ बाधित

ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहर में भी तेज वर्षा हुई। करीब एक घंटे तक हुई वर्षा से सड़कों पर पानी बह निकला। तीन पुलिया स्थित नाले में उफान आने से यहां आवागमन बाधित हो गया। कुछ लोग जोखिम उठाकर तीन पुलिया मार्ग से वाहन निकालते रहे। दिनभर उमस से परेशान लोगों को वर्षा के कारण मौसम में ठंडक घुल गई।

ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है उन्हें राहत राशि मिलनी चाहिए। केवल सर्वे तक ही व्यवस्था सीमित होकर ना रह जाए। पिछले वर्षों में भी अतिवृष्टि से नष्ट हुई फसलों की राहत राशि आज तक किसानों को नहीं मिली है। - सुभाष पटेल, उपाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ

वर्षा और ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों के सर्वे के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। सर्वे शुरू भी हो चुका है। जहां-जहां भी नुकसान हुआ है उसका आंकलन कराया जा रहा है। - अरविंद चौहान, एसडीएम, खंडवा

Posted By: Prashant Pandey

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