बड़वाह (नईदुनिया न्यूज)। बड़वाह उपजेल में पुताई कर रहा एक विचाराधीन कैदी दिनदहाड़े गुरुवार सुबह 10 बजे सीढ़ियों के सहारे जेल की 21 फीट ऊंची दीवार कूद कर फरार हो गया। सुबह 10 बजे घटित घटना के बाद आठ घंटे में शाम छह बजे तक पुलिस चौड़ीपाड़ा के जंगल से सिर्फ उसका शर्ट ही बरामद कर पाई है। वहीं समाचार लिखे जाने तक इस मामले में किसी जिम्मेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
जानकारी के अनुसार नगर से तीन किमी दूरी पर उप जेल में में बड़ी चूक हुई। नगर से करीब तीन किलोमीटर दूर काटकूट फाटे स्थित उपजेल की 21 फीट ऊंची दीवार फांदकर एक बंदी फरार हो गया। बताया जा रहा है संजू उर्फ संजय पिता गोविंद मानकर (27) निवासी खेड़ीटांडा बीते 14 अक्टूबर 2022 से उप जेल में आबकारी अधिनियम के तहत 34 (2)के प्रकरण में विचाराधीन कैदी था।
जेल अधीक्षक युवराज सिंह मुवेल से मिली जानकारी के अनुसार घटना गुरुवार सुबह करीब 10 बजे की है। जेल अधीक्षक के अनुसार वे रूटीन वर्क के अनुसार जेल का निरीक्षण कर सुबह नौ बजे मार्केट गए थे। करीब 10 बजे जेल गेट से फोन आया कि एक बंदी संजय पिता गोविंद दीवार कूदकर फरार हो गया है।
इसके बाद वे तुरंत जेल पहुंचे। यहां उन्होंने प्रारम्भिक रूप से थाने, सेंट्रल जेल, एसडीएम कार्यालय पर सूचना दी। फिलहाल सर्चिंग चल रही है। जेलकर्मी एवं पुलिसकर्मी सर्चिंग अभियान में जुटे हैं। मामले की जानकारी लगने पर एसडीएम बीएस कलेश, एसडीओपी विनोद दीक्षित एवं थाना प्रभारी बड़वाह जगदीश गोयल भी उपजेल पहुंचे। यहां उन्होंने जेल अधीक्षक से इस मामले की पूरी जानकारी भी ली।
सीआइएसएफ रोड तरफ भागा है आरोपी
जेल अधीक्षक ने बताया कि फरार बंदी संजय को चश्मदीदों ने जेल से भागने के बाद जयंती माता रोड की तरफ जाते हुए देखा है। यही कारण है कि पुलिस एवं जेल का पूरा अमला उसे जयंती माता एवं इसी रोड से लगे वन क्षेत्र में तलाश रहा है। वह इसी क्षेत्र खेड़ीटांडा का ही रहना वाला है, इसलिए उसके घर के आसपास भी तलाशा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जेल से करीब 10 किमी दूर चौड़ीपाड़ा के जंगल में कैदी का शर्ट बरामद हुआ है। जेल अधीक्षक का दावा है कि जल्द से जल्द कैदी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ये भी जानिए...पहले भी हो चुकी है घटना
उल्लेखनीय है कि वर्ष 17 जुलाई 2018 में भी चोरी का आरोपी एक सिकलीगर भी इसी जेल से कूदकर भागने में कामयाब हो गया था। हालांकि कुछ घंटों बाद ही उसे पकड़ लिया गया था। उस समय उपजेल के अधीक्षक श्यामलाल वर्मा थे, लेकिन घटना के समय वे अवकाश पर थे। उस समय भी सुरक्षा संसाधनों की कमी इस जेल में देखी गई थी। जेल की दीवार फांदकर भागने की यह दूसरी घटना है।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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