*व्यवस्था
*पीओएस से बनेंगे चालान और लेंगे भुगतान, डेबिट-क्रेडिट कार्ड से होगी आनलाइन वसूली
खरगोन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले का यातायात पुलिस अमला लगातार अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हो रहा है। तेज रफ्तार वाहनों पर नजर रखने के लिए जहां इंटरसेप्टर वाहन पहले ही मिल चुका है। अब नई सुविधा के रूप में पीओएस मशीन भी उपलब्ध करा दी गई है। यह मशीन मिलने के बाद अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिसकर्मी रसीद कट्टे की जगह पीओएस मशीन से वाहन चालकों के ई-चालान का भुगतान करवा सकेंगे। इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
यातायात थाना प्रभारी दीपेंद्र स्वर्णकार ने बताया कि इस मशीन के मिल जाने से अब वाहन चालक रुपये नहीं होने का बहाना बनाकर बच नहीं सकते। इसमें नकद या कार्ड के जरिए चालान की राशि वसूल सकेंगे और यदि कुछ भी नहीं है तो सात दिन में चालान की राशि का भुगतान किया जा सकेगा। एक सप्ताह बाद यह जुर्माना वर्चुअल कोर्ट में भरा जाएगा। अभी ये वर्चुअल कोर्ट इंदौर, भोपाल व जबलपुर में ही हैं। जुर्माने का मामला 15 दिन बाद स्थानीय कोर्ट में चलेगा।
रिकार्ड रहेगा कायम
यातायात नियमों की धाराएं और उनके जुर्माने की राशि मशीन में पहले से ही फीड है। जिस धारा का उल्लंघन होगा, उसको भरते ही जुर्माने की राशि सामने स्क्रीन पर आ जाएगी और संबंधित को वह राशि भरनी पड़ेगी। मशीन में एक कैमरा भी लगा है, जो मौके पर फोटो भी लेगा। इस लेनदेन के लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग आदि का उपयोग किया जा सकेगा। आने वाले दिनों में यूपीआइ व क्यूआर कोड सिस्टम भी लागू हो जाएगा। यदि कोई नकद भुगतान करना चाहता है तो इस पर गाड़ी का नंबर और नियम के उल्लंघन की जानकारी फीड करते ही पर्ची निकल जाएगी। इसके बाद नकद भुगतान लिया जा सकेगा।
बार-बार नियम तोड़ने पर लाइसेंस होंगे निरस्त
एक से अधिक बार यातायात नियमों को तोड़ने वालों की भी अब खैर नही है। यदि पहले ई-चालान कटा है और दूसरी दफा फिर नियमों को तोड़ते पकड़े गए तो यह मशीन पुराना रिकार्ड बता देगी। कई बार नियमों को तोड़ने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अन्य वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। बार-बार नियम तोड़ने वाले और राशि जमा नहीं करने वाले वाहन चालक के लाइसेंस निरस्त होंगे। पुलिस कंट्रोल रूम में गुरुवार को पुलिस अधीक्षक धर्मवीरसिंह यादव, एएसपी मनीष खत्री और एसडीओपी रोहित अलावा की उपस्थिति में शहर कोतवाली, मेनगांव, ऊन और बरुड़ के थाना प्रभारियों सहित स्टाफ का पीओएस मशीन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया।
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