Mhow News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। चौकी पर हमला, आगजनी और तोड़फोड़ करने वाले 120 लोगों पर बड़गोंदा पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। आरोपितों में उस युवती के पिता भी शामिल है, जिसकी करंट से मौत हो गई थी। कलेक्टर डा. इलैया राजा टी ने महू, बड़गोंदा, किशनगंज, मानपुर और सिमरोल में धारा 144 लगा दी है। संपूर्ण डा. आंबेडकर नगर (महू) अनुभाग में पुलिस बल तैनात किया गया है।
वासली कुंडिया मंडलेश्वर (खरगोन) निवासी 18 वर्षीय युवती की मौत के बाद आदिवासी समुदाय के लोगों ने डोंगरगांव पुलिस चौकी का घेराव किया था। युवती का शव रखकर प्रदर्शन किया और पुलिस पर हमला कर दिया। हमले में टीआइ भरतसिंह ठाकुर, एसआइ विक्रमसिंह सोलंकी, कमलसिंह उईके सहित करीब 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने गुरुवार शाम एफआइआर दर्ज की, जिसमें युवती के पिता सहित महिला को भी आरोपित बनाया है।
आइजी (ग्रामीण) राकेश गुप्ता के मुताबिक पुलिस ने टीआइ भरतसिंह के कथनों के आधार पर केस दर्ज किया है। भीड़ आरोपित यदुनंदन पाटीदार को आदिवासी समाज के समक्ष फांसी देने की मांग कर रहे थे। पुलिस-प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी कर जान के बदले जान का नारा लगा रहे थे।
समझाने पर चौकी और पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया। पुलिस की गाड़ी एमपी 03ए 8103 में आग लगा दी। बचाव में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। कलेक्टर ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा से 15 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है। कानून व्यवस्था के लिए दंडाधिकारी भी तैनात कर दिए हैं। संभाग आयुक्त डा. पवन शर्मा, आइजी राकेश गुप्ता, डीआइजी चंद्रशेखर सोलंकी, एसपी भगवतसिंह विरदे, कलेक्टर डा. इलैया राजा टी भी महू में हैं।
जिस युवक की गोली से मौत हुई, उसे बनाया आरोपित
बुधवार रात गवली पलासिया निवासी भेरूलाल पुत्र मदन की गोली लगने से मौत हुई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है। गुरुवार को पुलिस सुरक्षा के बीच भेरूलाल का अंतिम संस्कार करवाया गया। जैसे ही ग्रामीण अपने घर लौटे, पुलिस ने एफआइआर में भेरूलाल का नाम भी जोड़ दिया। उसके साथ युवती के पिता और रेखा बाई, संजय बरसिंह, दीपक मकवाना, अजय मकवाना, हीरालाल जड़िया, राजकुमार भील, नयन निनामा, महेश, विनोद और सुनील को नामजद आरोपित बनाया है। सभी पर जानलेवा हमला, शासकीय कार्य में बाधा, तोड़फोड़, आगजनी, बलवा का आरोपित बनाया है। आरोपितों में जयस संगठन से जुड़े पदाधिकारी भी शामिल हैं।
कांग्रेस बोली, सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या
घटना के दूसरे दिन कांग्रेस नेता भी विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। विधायक कांतिलाल भूरिया, पूर्व मंत्री बाला बच्चन सहित कई नेताओं ने आरोप लगाया कि आदिवासी युवती की दुष्कर्म के बाद हत्या हुई है। सरकार 10 लाख रुपये देकर पीड़ित परिवार को दबा रही है। एक आदिवासी की जान की कीमत 10 लाख रुपये बताई जा रही है। सरकार को मदद ही करनी थी तो कम से कम पांच करोड़ रुपये देने चाहिए। पुलिस आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी आदिवासी विधायकों का दल गठित कर घटना की जांच करवा रहे हैं। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि मध्यप्रदेश में जंगलराज है।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay