Mhow News: इंदौर।नईदुनिया प्रतिनिधि। डोंगरगांव पुलिस चौकी पर हमले के बाद पूरा इलाका छावनी बना है। किशनगंज में प्रवेश करते ही पुलिस रोक लेती है। पुलिसकर्मी बैरिकेडिंंग कर आने-जाने वाले वाहनों की जांच कर रहे हैं। चौकी के आसपास अभी भी ईंट-पत्थरों से सड़क पटी पड़ी है। टूटी गाड़ियां अभी भी उसी जगह पड़ी हुई है।
उपद्रव ने पुलिस की लापरवाही भी उजागर की है। बुधवार दोपहर युवती की मौत के बाद गाड़ियां भरकर आदिवासी समाज के लोग महू पहुंच गए थे। पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई और भीड़ शव लेकर चौकी तक पहुंच गई।
पहले यदुनंदन पर हत्या और अपहरण का केस लगाने की मांग की। एफआइआर लेने के बाद भीड़ उग्र हो गई और कहा कि यदुनंदन को उनके हवाले किया जाए। उनके सामने ही फांसी की सजा दी जाना चाहिए। जान के बदले जान चाहिए।
भीड़ बेकाबू हो गई और देखते ही देखते पथराव शुरू कर दिया। निहत्थे पुलिसकर्मी जान बचाने के लिए इधर उधर भागते रहे। हमले की तैयारी से आए युवकों ने गोफन से पत्थर बरसाए। टीआइ भरतसिंह ठाकुर की आंख पर पत्थर लगा।
एसडीएम-तहसीलदार भी जान बचाते नजर आए। अश्रुगैस के गोलों से असर नहीं हुआ तो गोलियां चलाना पड़ी।भेरुलाल की मौत हो गई और संजय के पैर में गोली लगी।
दूसरे दिन भी उपद्रव के निशान सड़कों पर पड़े हुए थे। गवली पलासिया पाटीदार बाहुल्य गांव है। ज्यादातर किसान परिवार रहते हैं और सम्पन्न हैं। इस गांव में पहले ऐसी स्थिति नहीं हुई थी, लेकिन बुधवार रात हुए उपद्रव के निशान बिखरे हुए हैं। एक किमी तक पत्थर और ईंटे पड़ी हुई हैं। दोपहिया वाहन टूटे-फूटे इधर उधर पड़े हुए हैं।
गांववाले बोले पति-पत्नी जैसे रहते थे युवक-युवती
पुलिस ने यदुनंदन पाटीदार पर भले ही हत्या और अपहरण का केस दर्ज कर लिया, लेकिन खेड़ा(गवली पलासिया) के लोग उसे मुलजिम नहीं मानते। उनका कहना है कि दोनों डेढ़ साल से पति-पत्नी के रुप में रहते थे। यदुनंदन के पिता रामचरण की मृत्यु हो चुकी है। वह मां राधा के साथ पहले सरपंच साहब की गली में रहता था।
होली के पहले दाजी मोहल्ला में रहने आ गया। युवती भी उसके साथ रहती थी। पूरे गांव को पता था युवती ने उससे मंदिर में शादी कर ली है। युवती पीएससी की तैयारी कर रही थी इसलिए कानूनी शादी नहीं की। वह घर भी आती-जाती रहती थी।
पड़ौस में रहने वाली विनीता पटेल ने ही सबसे पहले उसे मृत अवस्था में देखा था। विनीता ने बताया चाची(यदुनंदन की मां) बोल कर गई थी कि बहू को पानी भरने का बोल देना। करीब साढ़े दस बजे वह उसके घर गई तो युवती बाथरूम में मृत अवस्था में थी। उसके हाथ में पानी गर्म करने की राड थी।
सास को घटना बताई और पड़ोसियों को बुलाकर बिजली का स्विच आफ किया। रोहित(यदुनंदन) को काल लगाया और युवती के हाथ में राख मसली। उसको अस्पताल ले गए, लेकिन डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।यह एक हादसा था जिसे कुछ लोगों ने हत्या का रंग दे दिया।
मोहल्ले के दोस्तों के साथ गया,पता नहीं क्यों गोली मार दी
गोली लगने से मृत भेरूलाल छारेल मूलत: छोटी जाम का था। करीब दो साल से ताऊ दयाराम के घर रहता था। वह नल फिटिंग का काम करने लगा था। बुधवार रात थाने पर विवाद हुआ तो दोस्तों के साथ चला गया। घर वालों को तो यह भी नहीं पता उसे क्यों गोली मारी।
रात को पुलिसकर्मी पहुंचे तो उन्हें एमवाय अस्पताल की सूचना मिली। इसी तरह गोली लगने से घायल संजय बरसिंह भी भीड़ के साथ चौकी पहुंचा था। पुलिस ने उसको भी जानलेवा और बलवा का आरोपित बनाया है।संजय के मुताबिक वह तो काम से घर लौट रहा था। हंगामा देखने रुका और पुलिसवालों ने फायरिंग कर दी। उसको कारण भी नहीं पता है।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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