Aquatic Life Census 2023: हरिओम गौड़, मुरैना। पर्यावरण से जुड़े अच्छे संकेत चंबल नदी से मिल रहे हैं। फरवरी में चंबल घड़ियाल अभयारण्य में हुई जलीय जीवों की गणना के परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। नदी में डाल्फिन बढ़कर 96 हो गई हैं। पिछली गणना में यहां 71 डाल्फिन मिली थीं। एक वर्ष में डाल्फिन की संख्या में इतनी बड़ी वृद्धि (25) पहले कभी नहीं देखी गई।

वर्ष 2021 के मानसून सीजन में चंबल में आई भीषण बाढ़ में सैकड़ों जलीय जीवों पर बुरा असर पड़ा था। इसका असर वर्ष 2022 की गणना में देखा गया था। डाल्फिन, घड़ियाल और मगरमच्छ की संख्या वर्ष 2021 के मुकाबले कम हो गई थी लेकिन इस साल हुई गणना में इनकी संख्या बढ़ी है। घड़ियालों के कुनबे में 94 सदस्य बढ़े हैं। मगरमच्छों की संख्या भी बढ़ी है।

भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून (डब्ल्यूआइआइ) के जलीय जीव विशेषज्ञ, घड़ियाल अभयारण्य के कर्मचारी और शोधकर्ताओं की टीम ने गणना (सर्वे) की। चंबल घड़ियाल अभयारण्य में श्योपुर में 60 किमी लंबी पार्वती नदी के अलावा श्योपुर-मुरैना-भिंड जिले की सीमा में 435 किमी लंबी चंबल नदी का क्षेत्र आता है। गणना 24 दिन तक चली। घड़ियालों की संख्या बीते साल की तुलना में 2014 से बढ़कर 2108 हो गई है, वहीं मगरमच्छ भी 873 से बढ़कर 878 हो गए हैं।

ऐसे होती है जलीय जीवों की गणना

अभयारण्य के डीएफओ स्वरूप दीक्षित ने बताया कि गणना नाव से होती है। यह 20 से 25 दिन चलती है। इसके लिए नाव के दाएं-बाएं और आगे-पीछे की ओर एक-एक सर्वेयर बैठाया जाता है। वे नाव को एक जगह रोककर पानी के अंदर तक देखकर मगरमच्छ व घड़ियालों को मैनुअली गिनते हैं। मगरमच्छ व घड़ियालों की से उलट डाल्फिन गहरे पानी में रहती हैं और कुछ सेकंड के लिए बाहर आती है, इसलिए उनकी गणना के लिए ट्रांसमीटर रिसीवर का उपयोग किया जाता है। इससे गहरे पानी में भी डाल्फिन की उपस्थिति पता चल जाती है।

1978 में बना था अभयारण्य

घड़ियालों की उपस्थिति पानी के स्वच्छ होने का प्रतीक मानी जाती है। चंबल नदी का पानी स्वच्छ होने के कारण इसे घड़ियालों के लिए सबसे बेहतर मानकर वर्ष 1978 में चंबल घड़ियाल अभयारण्य बनाया गया था। तब चंबल में 100 से भी कम घड़ियाल थे। इसकी संख्या अब 2108 हो गई है। जलीय जीवों के सर्वे का काम वर्ष 1983 में तत्कालीन रिसर्च आफिसर डा. एके सिंह की निगरानी में शुरू हुआ। हर साल यह काम फरवरी महीने में होता है।

आठ सालों की गणना के परिणाम

वर्ष --घड़ियाल--डाल्फिन --मगरमच्छ

2016-- 1162--78 -- 454

2017-- 1255-- 75--562

2018-- 1681-- 74-- 613

2019--1876--सर्वे नहीं--706

2020--1859--68--710

2021--2176--82--886

2022--2014--71-- 873

2023--2108-- 96--878

(स्रोत- चंबल घड़ियाल अभयारण्य)

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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