Atal Progress Way : मुरैना (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मध्य प्रदेश में अटल प्रोग्रेस-वे के लिए फिर नया सर्वे होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को संभागायुक्त दीपक सिंह, मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना, श्योपुर कलेक्टर शिवम वर्मा व भिंड कलेक्टर डा. सतीश कुमार एस के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग में यह निर्देश दिए।

वीसी में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि छोटे किसानों के लिए दो से पांच बीघा जमीन ही रोजगार का सहारा है, इसलिए छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पुन: सर्वे कराया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबल संभाग के विकास के लिए आठ हजार करोड़ रुपये की लागत से अटल प्रोग्रेस-वे बनाया जा रहा है, लेकिन अभी सर्वे में किसानों की बेशकीमती जमीन जा रही है। हम किसानों को भूमिहीन नहीं होने देंगे, इसलिए नया सर्वे करवाया जाएगा। इसमें सरकारी जमीन ज्यादा शामिल हो। एक्सप्रेस-वे बनने से उद्योगों का विकास हो, पर किसान भी अपनी खेती कर सकें।

चुनाव से पहले बढ़ता जा रहा था विरोध

अटल प्रोग्रेस वे में मुरैना के किसानों की ही 935 हेक्टेयर जमीन जा रही थी, जबकि सरकारी जमीन केवल 65 हेक्टेयर के करीब थी। इसी कारण सर्वे का विरोध तेज होता जा रहा था। जिले के पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार, सूबेदार सिंह सिकरवार, महेशदत्त मिश्रा के अलावा अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, माकपा, किसान सभा जैसे कई संगठन गांव-गांव में किसानों की पंचायतें बुलाकर इस मुद्दे को उठा रहे थे। किसान पुराने सर्वे पर बीहड़ क्षेत्र में या चंबल नहर की दोनों किनारों या नेशनल हाईवे 552 को ही प्रोग्रेस-वे बनाने की मांग कर रहे थे। विधानसभा चुनाव से पहले विरोध बढ़ने के कारण सरकार पर दबाव बन रहा था।

तीसरी बार होगा सर्वे

प्रोग्रेस वे पहले चंबल नदी किनारे बीहड़ों में बनना था, पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की आपत्ति के बाद दोबारा सर्वे किया गया। इसे बीहड़ों से चार किलोमीटर दूर बनाया जाना तय किया गया। इसमें प्रशासन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू भी कर चुका है, इसी बीच सीएम ने पुन: सर्वे के निर्देश दिए हैं।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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